13 अप्रैल से नवरात्रि व्रत रखे जाएंगे और 22 अप्रैल को व्रत पारण के साथ चैत्र नवरात्रि का समापन होगा। शक्ति की उपासना के इस पावन पर्व में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। मां के भक्त नौ दिनों तक नवरात्रि व्रत रखते हैं। पहले दिन घटस्थापना के साथ व्रत शुरू होता है और नौ दिनों के बाद व्रत पारण के साथ यह व्रत समाप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि में मां दुर्गा के स्वागत के लिए घर पर विशेष प्रकार की तैयारी करना बेहद शुभ होता है। नियमानुसार, आपको भी ये तैयारी करनी चाहिए।
घर की करें साफ-सफाई
नवरात्रि से पहले घर की साफ-सफाई करना बेहद आवश्यक है। जहां स्वच्छता होती है वहां पर माता लक्ष्मी का वास होता है। इसके विपरीत जहां गंदगी होती हैं वहां दरिद्रता का आगमन होता है। घर के मंदिर को अच्छी तरह से साफ करें। खंडित मूर्तियों को मंदिर में नहीं रखें।
कलश स्थापना के स्थान पर इस रंग का करें प्रयोग
जिस स्थान पर कलश स्थापना की जाती है वहां पर माता की चौकी के पास हल्के रंग का उपयोग करना वास्तु शास्त्र में शुभ फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
घर के मुख्य दरवाजे पर बनाएं यह निशान
किसी भी शुभ काम शुरू करने से पहले स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जाता है इसलिए नवरात्रि शुरू होने से पहले घर के मुख्य दरवाजे और मंदिर पर स्वास्तिक का निशान बनना शुभ होता है।
रसोई घर को रखें स्वच्छ
नवरात्रि से पहले रसोई घर में लाल, पीला व नारंगी रंग का प्रयोग करें। इसके साथ ही यहां से तामसिक चीजों को (लहसुन प्याज आदि) निकाल लें। वास्तु के नियमानुसार रसोई घर को हमेशा साफ और स्वच्छ रखना चाहिए।
घर की दक्षिण पूर्व दिशा को करें ठीक
शास्त्रों के अनुसार देवी का क्षेत्र दक्षिण दिशा में होता है इसलिए माता की पूजा करते समय आपका मुख दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। पूर्व दिशा में पूजा करने से चेतना जागृत होती है जबकि दक्षिण दिशा की तरफ करके पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है।
घर के उत्तर-पश्चिम कोना ठीक रखें
बेचैनी मिटाने और मन की शांति के लिए उत्तर-पश्चिम कोने को ठीक रखें। चंद्रमा इस स्थान का कारक है। यहां पर कोई चीज स्थिर नहीं रहती। अतः बाथरूम या गेस्ट रूम बनाएं। इस स्थान पर भी विशेष साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए।