नियम तो हर वाहन पर एक चालक और एक सहायक कर्मचारी का
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। शहर में कचरा गाडियां तो सड़कों पर दिख रही है, मगर इनके साथ चलने वाले कर्मचारी नहीं दिख रहे हैं। ये वहीं कर्मचारी हैं जो कचरा गाडिय़ों के इर्दगिर्द सहायक कर्मचारी के तौर पर चलते है। इनका काम कचरा डालने वाले नागरिकों को आगाह करना होता है कि सूखा कचरा और गीला कचरा अलग-अलग डालें। इनके साथ का ही वह कर्मचारी गाड़ी में कचरे को व्यवस्थित भी करता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से ऐसा नहीं हो रहा है। अमूमन मोहल्लों और कॉलोनियों में कचरा गाड़ी तो आ रही है लेकिन उनके साथ चलने वाला सहायक कर्मचारी नहीं।
ठेकेदार से बढ़वानी होगी कर्मचारियों की संख्या
बता दें कि निगम की अनुबंध कचरा वाहनों के साथ चलने वाले कर्मचारियों में ज्यादातर कम उम्र के युवक-युवती ही होते थे। जो बड़े उत्साह पूर्वक अपने काम को अंजाम देते थे। वे इनदिनों कचरा वाहनों के साथ नहीं दिखाई दे रहे है। ऐसे में शहर में कचरा संग्रहण व्यवस्था को लेकर अव्यवस्था बढ़ती जा रहा है। इसके अलावा कचरा गाड़ी के आने का समय भी निर्धारित नहीं है। कभी सुबह १० बजे तो कभी दोपहर २ बजे गाड़ी आ रही है। ऐसे में यह जरूरी है की संबंधित अफसर मामले में दखल देकर ठेकेदार पर कार्रवाई करें। साथ ही कचरा गाड़ी पर कर्मचारियों की संख्या भी बढ़वाई जाए। वहीं गाड़ी चालक को समझाइश दी जाए कि वे तय निर्धारित समय पर ही कचरा संग्रहण के लिए पहुंचे। ताकि नियमित रूप से घरों से कचरा उठे और लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
अक्षरविश्व प्रतिनिधि ने जब सोमवार को एक कचरा वाहन चालक से बात की तो उसने बताया कि ठेकेदार द्वारा कर्मचारी कम कर दिए हैं। कर्मचारी को कम करने की वजह सामने नहीं आई है। नियम यह है कि एक गाड़ी के साथ दो कर्मचारी अनिवार्य हैं। इसमें एक वाहन चालक और एक सहायक कर्मचारी होता है। शहर में डेढ़ सौ कचरा गाडियां चल रही हैं। इस तरह लगभग 150 कर्मचारी कचरा गाडिय़ों से नदारद है। निगम अफसरों की अनदेखी के कारण शहर में यह स्थिति पिछले 15 दिनों से बनी हुई है। इसका सीधा असर कचरा संग्रहण व्यवस्था पर पड़ रहा हैं।
इनका कहना
शिकायत मिली है तो संबंधित विभाग को इसमें सुधार के लिए कहा जाएगा, फिर भी यदि स्थिति नहीं सुधरती है तो ठेकेदार पर पैनाल्टी लगाई जाएगी।
आदित्य नागर, अपर आयुक्त
नगर निगम