प्रमुख मार्गों के बाद अब वीआईपी रोड भी अतिक्रमण की चपेट में…
आयुक्त के निर्देश के दो माह बाद भी कार्रवाई नहीं
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन शहर को स्मार्ट बनाने के लिए नगर निगम द्वारा करोड़ों रुपए खर्च तो किए जा रहे हैं, मगर अतिक्रमण जैसी समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अधिकारियों की अनदेखी और कार्रवाई नहीं होने से यह समस्या दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में आमजन को आवागमन सहित अन्य दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। जबकि दो माह पहले नगर निगम आयुक्त रोशनसिंह खुद फ्रीगंज टॉवर से नानाखेड़ा चौराहा तक सड़क किनारे लगी गुमटियों के अवैध निर्माण को हटाने के निर्देश दे चुके हैं, लेकिन आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
नगर निगम स्वच्छता की दौड़ में अव्वल आने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन शहर में इन दिनों निगम के कुछ अधिकारी और जनप्रतिनिधि की मिलीभगत के चलते सड़क किनारे पैदल चलने के बने फुटपाथ अवैध गुमटियां रखावा करके शहर की सुंदरता को बिगाडऩे का काम तो कर रहे है, वहीं पैदल चलने वालों को सड़क पर चलने के लिए मजबूर कर रहे है, इससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। गौरतलब है कि शहर की सड़क किनारे बना फुटपाथ पैदल चलने वालों के लिए होता है। जिससे वह दुर्घटना का शिकार न हों, लेकिन शहर में हर तरफ सड़क किनारे अवैध गुमटियां रखकर फुटपाथ पर अतिक्रमण कर लिया गया है। पैदल वालों के लिए कोई स्थान नहीं बचा है, मजबूरन उन्हें सड़क पर ही पैदल चलकर सफर तय करना होता है। मॉर्निंग वॉक के लिए जाने वालों को भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है।
यह है प्रावधान
नगर निगम अधिनियम के तहत लोगों को फुटपाथ पर व्यापार करने का अधिकार है, लेकिन नियम में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि ऐसे चलित ठेले जिनके माध्यम से व्यापार करने के बाद उन्हें पुन: अपने घर ले जाए जा सके की अनुमति है। इसकी आड़ में शहर में गुमटी के माध्यम से जगह घेरने का एक सिलसिला लगातार जारी है। बड़ा सवाल यह है कि आखिर किसके संरक्षण में यह कार्य हो रहा है। नगर निगम क्षेत्र में अवैध रूप से लगने वाली इन गुमटियों पर कार्रवाई नहीं करना खुद में उन्हें संरक्षण देना दर्शाता है।
181 पर शिकायत के बाद ही करते है कर्रवाई
शहर में अतिक्रमण पैर पसार रहा है। बाजार से लेकर गली और मोहल्लों तक की सड़कें अतिक्रमण की चपेट में हैं। इसके बाद भी नगर निगम सीधे तौर पर कार्रवाई नहीं कर रहा है। अतिक्रमण हटाने के लिए एक दल बना रखा है, लेकिन यह दल भी तभी सक्रिय होता है जब तक कि इनके पास किसी तरह की शिकायत नहीं आती हो। पिछले एक माह में नगर निगम के द्वारा अधिकांश कार्रवाई सीएम हेल्पलाइन में शिकायत होने के बाद ही की गई है।
इनका मिलता है संरक्षण
नगर निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधि शहर को गुमटियों का शहर बनाने पर लगे हुए हैं। अभी भी कुछ पार्षद की शह पर अवैध गुमटियों का काला धंधा चल रहा है। वह अवैध गुमटी लगाकर स्थान रोक लेते है, उसके बाद उन्हें किराए पर देकर रुपए वसूलते है। जिसका हिस्सा नगर निगम की अतिक्रमण हटाने वाली गैंग के कर्मचारियों तक भी पहुंचता है। यहीं कारण है कि शहर के तीन बत्ती चौराहा से नानाखेड़ा चौराहा तक सड़क के दोनों तरफ अवैध गुमटियों का कब्जा है। इसके अलावा उदयन मार्ग जैसे वीआईपी मार्ग पर भी यही स्थिति बनी हुई है। जिन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जिसके चलते हमेशा मार्ग अवरूद्ध रहता है।
अतिक्रमण और अवैध निर्माण के विषय में नगर निगम गंभीर है। पहले भी शहर में अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई की जाती रही है, जो आगे भी जारी रहेगी।
-रोशन कुमार सिंह,
नगर निगम आयुक्त उज्जैन
विभाग का प्रभार कुछ दिन पहले ही मुझे मिला है। मामला गंभीर है तथा जनहित से जुड़ा हुआ है। इसे लेकर अधिकारियों की बैठक लेकर जल्द ही चर्चा की जाएगी और समस्या का हल निकाला जाएगा।
– रजत मेहता, एमआईसी सदस्य
एवं प्रभारी राजस्व एवं अन्यकर विभाग