Wednesday, November 29, 2023
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आख़िर रुपए-पैसे से जुड़े किन मुद्दों पर शादीशुदा जोड़ों में होती है लड़ाई?

शादीशुदा जोड़ों में होनेवाली छोटी-मोटी लड़ाइयां रिश्ते की गहराई बयां करती है. कुछ समय बाद जोड़े अपने रिश्ते को लेकर इतने आश्वस्त हो जाते हैं कि अपनी नाख़ुशी को लड़ाइयों से जताने लगते हैं. छोटी-मोटी नोकझोंक तो चलती रहती है, इससे रिश्ता मज़बूत ही होता है. पर जब लड़ाइयां पैसे को लेकर होने लगती हैं तो रिश्ता कमज़ोर पड़ना शुरू हो जाता है. आख़िर रुपए-पैसे से जुड़े किन मुद्दों पर कपल्स लड़ते हैं, आइए जानने की कोशिश करते हैं.

आर्थिक ज़िम्मेदारियों का असंतुलित बोझ

आजकल शहरों में पति-पत्नी दोनों ही कमाते हैं और मिल-जुलकर घर चलाते हैं. वे आर्थिक ज़िम्मेदारियों को बराबरी से साझा करने में विश्वास करते हैं. जब आर्थिक ज़िम्मेदारियों का बोझ किसी एक पार्टनर के कंधे पर पड़ने लगता है तो रिश्ते में झगड़े की एंट्री होने की संभावना बढ़ जाती है. हां, अगर आप दोनों ने इस बारे में एक-दूसरे से पहले ही बात कर रखी हो तो ठीक है, वरना चीज़ें हाथ से निकलने लगती हैं. जो पार्टनर ज़्यादा योगदान देता है, वह रिश्ते में अपना दबदबा दिखाने की कोशिश करता है. अगर मामले को समझदारी से हैंडल न किया गया तो बात बिगड़ सकती है.

निजी ख़र्चों को लेकर मतभेद

पैसों को लेकर जोड़ों में होनेवाली लड़ाइयां पार्टनर्स की पर्सनल ख़र्च करने की आदतों के चलते भी हो सकती हैं. कभी-कभी किसी पार्टनर को लग सकता है कि उसका साथी ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्चीला है. उसे फ़ालतू में पैसे उड़ाने की आदत है, जिसके चलते घर का बजट बिगड़ता है.

ख़र्च-बचत को लेकर झगड़ा

हर इंसान का पैसों को डील करने का तरीक़ा अलग-अलग होता है. कुछ लोग पैसों को दांत से पकड़कर रखते हैं यानी ज़रूरत के समय भी ख़र्च करने से बचते हैं. ऐसी पर्सनैलिटी के लोगों को कंजूस की कैटेगरी में रखते हैं. वहीं कुछ लोग पैसों को हाथ की मैल बताते हुए खुले हाथों से ख़र्च करते हैं. जब इस तरह के अलग-अलग पर्सनैलिटी वाले लोगों की आपस में शादी होती है तो रुपए-पैसे को लेकर झगड़ा होने से कोई रोक नहीं सकता.

चोरी छुपे परिवार पर ख़र्च करना

शादी के बाद ज़्यादातर वर्किंग महिलाओं पर ससुराल में यह आरोप लगाया जाता है कि वे चोरी छुपे अपने घरवालों पर पैसे ख़र्च करती हैं. हालांकि अधिकतर मामलों में ऐसा होता नहीं है. इस तरह की लड़ाइयां केवल पूर्वधारणाओं पर आधारित होती हैं. अगर आप दोनों में से किसी के परिवार या माता-पिता को आर्थिक मदद की ज़रूरत है और आप करना भी चाहते हैं तो पार्टनर से बताकर करें. साफ़गोई रखने से आगे चलकर बिना वजह के आरोप प्रत्यारोप और झगड़े जैसी स्थिति से बचा जा सकता है.

यहां-वहां से उधार लेना

कई लोगों को पैसे उधार लेने की आदत होती है. वे उधार चुकाते नहीं और देनदारों से बचते फिरते हैं. ऐसे में देनदार कई बार घर तक पहुंच जाते हैं. ऐसी स्थिति वाक़ई शर्मिंदगी से भरने जैसी होती है. क्रेडिट कार्ड बिल न भरना, सट्टेबाज़ी में पैसे हारना, पर्सनल लोन लेना जैसी कुछ आर्थिक आदतें रिश्ते में झगड़े का कारण बनती हैं.

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