शिप्रा नदी में हादसों का सिलसिला रोकने के लिए कवायद, कलेक्टर सहित अधिकारियों का अमला पहुंचा घाटों पर
इधर कलेक्टर व अन्य अधिकारी पहुंचे रामघाट।
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन शिप्रा नदी में बीते 13 दिनों में डूबने के कारण 6 मौत के बाद प्रशासन का अमला नदी के घाटों की व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचा। शुक्रवार की सुबह कलेक्टर, कमिश्नर और अन्य अधिकारियों ने रामघाट के साथ शिप्रा के अन्य घाटों का दौरा किया। नदी में लोगों को डूबने से बचाने के इंतजामों पर भी विचार विमर्श किया।
बता दें कि शिप्रा में बीते 13 दिनों के दौरान अलग-अलग घटनाओं में 6 लोग जान गंवा चुके हैं। इन घटनाओं में यही सामने आया है कि शिप्रा में स्नान करने वालों को गहराई का अनुमान नहीं रहा। वहीं घाटों पर काई के कारण फिसलन भी थी। इसके साथ ही घाटों पर सुरक्षा की चेन नहीं होने से भी श्रद्धालु हादसें का शिकार हो गए। शुक्रवार को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, कमिश्नर रोशनसिंह नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अमले के साथ रामघाट पहुंचे थे।
शिप्रा नदी के घाटों पर अव्यवस्थाओं का आलम है। इनके कारण बाहर से आ रहे श्रद्धालुओं को स्नान के बदले अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहे हैं। नदी में बुधवार तथा गुरुवार को एक के बाद एक दो लोगों की डूबने से मौते हुईं। इसके बाद नगर निगम का अमला शुक्रवार सुबह शिप्रा नदी के घाटों की दत्त अखाड़ा तथा रामघाट क्षेत्र में सफाई करने पहुंच गया। दत्त अखाड़ा वाली साइड के घाटों पर निगम सफाईकर्मी ब्लीचिंग पावडर डालकर घाटों की धुलाई कर रहे थे। रामघाट से लेकर मौलाना मौज दरगाह तक भी इसी तरह सफाई हो रही थी। घाटों की सफाई सुबह 8 बजे से शुरू हो गई थी।
40 कर्मचारी अतिरिक्त लगाए
एक के बाद एक नदी में हुई मौतों को लेकर लोगों में अव्यवस्था और लापरवाही को लेकर नाराजगी बढ़ गई थी। गुरुवार को कांग्रेस द्वारा भी निगम मुख्यालय तथा घाट पर धरना और प्रदर्शन किए गए थे। आज सुबह रामघाट तथा दत्त अखाड़ा क्षेत्र में घाटों पर जमी काई को साफ करने के लिए नगर निगम के 40 सफाई कर्मियों को लगाया गया। इनमें से 20 रामघाट तथा 20 दत्त अखाड़ा क्षेत्र की सफाई में लगाए गए। राणोजी की छत्री के समीप नगर निगम ने ब्लीचिंग पावडर की बोरियां लाकर रखी थी।
सुबह शुरू हुई घाटों की सफाई
नगर निगम का अमला शुक्रवार को शिप्रा नदी के घाटों की ब्लीचिंग डालकर सफाई करता दिखाई दिया। इधर नदी में जहां पानी कम था वहां लोहे के बैरिकेड्स पड़े हुए दिखाई दिए। ऐसे में जहां गहरा पानी है वहां और भी इस तरह की सामग्री हो सकती है, जो नदी में नहाते वक्त लोगों को पानी के अंदर घायल कर सकती है।
इधर रैलिंग टूटी, नदी के बीच बैरिकेड्स
एक और नगर निगम द्वारा घाटों की सफाई कराई जा रही थी, तो दूसरी ओर बड़े पुल की एक साईड वाली लोहे की रैलिंग टूटकर नीचे लटक रही थी। इतना ही नहीं बड़े पुल तथा इसके समानांतर बने ब्रिज के बीच शिप्रा नदी में 4 से 5 लोहे के बैरिकेड्स नजर आ रहे थे।
यहां पानी कम गहरा होने के कारण नदी के बीच में यह दिख रहे थे, लेकिन घाटों पर आसपास के दुकानदारों का कहना था कि इस तरह के बैरिकेड्स पिछले साल सवारी के समय रामघाट से लेकर छोटे पुल तक कई जगह लगाए थे, जो बाढ़ में बहकर नदी में डूब गए थे। संभवत: अभी भी वे नदी में हो सकते हैं, जिसके कारण तैरने वाले लोग भी घायल होकर नदी में डूब सकते हैं।