पिछले 30 सालों में दर्जनभर नई कॉलोनियां बनी,
क्षेत्र में आबादी बढ़ी लेकिन पुलिया में परिवर्तन नहीं
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:इंदौर गेट क्षेत्र में गदा पुलिया अंडर ब्रिज आजादी से पहले अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था। आजादी के बाद पिछले 70 सालों में शहर की आबादी तो कईं गुना बढ़ गई लेकिन इसका विस्तार नहीं हुआ। पिछले साल इसके विस्तार की खबरें सामने आई डेढ़ महीने तक मार्ग बंद रखा गया लेकिन रिपेयरिंग कार्य किया गया। अंडरब्रिज की रिपेयरिंग के बाद भी ब्रिज की जमीन खुरदुरी है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में यहां से वाहनों की आवाजाही होती है और दिन में कईं बार जाम लग जाता है।
साल 1990 तक नीलगंगा और मंछामन वीरान क्षेत्र था। 90 के दशक में मंछामन कॉलोनी, सुदर्शन कॉलोनी सांईधाम कॉलोनी विद्यापति नगर का नवनिर्माण हुआ।पुरानी कॉलोनियां शांतिनगर और एकता नगर में भी आबादी बढ़ गई। साल 2020 तक इस क्षेत्र की आबादी दोगुनी हो गई जो लगातार बढ़ती जा रही है। अब मंछामन सेे आगे नगर निगम के द्वारा कमजोर आय वर्ग के लिए फ्लैट निर्माण कराए जा रहे हैं।
फ्लैट आवंटित होने के बाद 1 हजार से ज्यादा लोग यहां रहने के लिए जाएंगे। इस तरह गत 30 वर्षों में इस क्षेत्र में आबाद बढ़ी है। इनमें अधिकांश लोगों का व्यापार व्यवसाय महाकाल क्षेत्र और पुराने शहर में है। पुराने शहर में जाने के लिए आम लोगों द्वारा सबसे ज्यादा यही मार्ग उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा पुराने शहर में महाकाल क्षेत्र के रहवासियों द्वारा भी फ्रीगंज क्षेत्र में जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग किया जाता है। इससे गदा पुलिया पर ट्रेफिक का दबाव बढ़ जाता है। यह अंडर ब्रिज 70 साल पहले निर्माण किया गया था जो उस वक्त की आबादी के अनुसार पर्याप्त था।
2022 से पहले 2016 में रिपेयरिंग हुई थी
अंडरब्रिज की रिपेयरिंग का काम लगभग पांच सालों में होता है। यहां गत वर्ष साल 2022 में ब्रिज की रिपेयरिंग की गई थी इसके पहले सिंहस्थ वर्ष में इसे दुरुस्त किया गया था। शहर की बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए इस ब्रिज का विस्तार करने की जरूरत है लेकिन रेलवे के अधिकारियों का मानना है कि यह एक बड़ा प्रोजेक्ट है और कईं तकनीकी कारणों के चलते इसका विस्तार नहीं किया जा सकता है। अब प्रतिदिन बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही से दिन में कई बार ब्रिज के नीचे जाम की स्थिति बनती रहती है।