Tuesday, November 28, 2023
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इस बार 5 लाख हेक्टेयर के दायरे में बोई जाएगी सोयाबीन

जिले के कई क्षेत्रों में किसानों ने शुरु कर दी बोवनी, 4 इंच बारिश की दरकार

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन जिले में किसान इस बार खेतों में सोयाबीन की फसल बोने की तैयारी कर चुके हैं। जिले में सोयाबीन का रकबा इस बार 5 लाख हेक्टेयर के लगभग रहेगा। जहां पिछले 3 दिनों से बारिश हुई है, वहां के किसानों ने बोवनी शुरू कर दी है।

चिंतामन जवासिया क्षेत्र के किसान अजय पटेल ने बताया कि उज्जैन शहरी क्षेत्र में अभी खेतों में नमी के लायक बारिश नहीं हुई है। सोयाबीन की उपज बोने के लिए खेतों में पर्याप्त समय की आवश्यकता है। इसके लिए लगभग 4 इंच बारिश होना अनिवार्य है।

शहरी क्षेत्र में अभी लगभग 2 इंच पानी गिरा है। इस वजह से वे तथा अन्य के साथ सोयाबीन की बोनी के लिए तीन-चार दिन और इंतजार करेंगे। दूसरी ओर जिले में तराना तथा नागदा में मानसून की शुरुआती बारिश जिले की अन्य तहसीलों के मुकाबले अधिक रही है। तराना तहसील में तो करीब सवा 3 इंच के लगभग पानी गिर चुका है। इसके साथ ही तहसील के अधिकांश क्षेत्रों में खेतों में सोयाबीन की फसल बोने के लायक नानी आ गई है। यह देखते हुए क्षेत्र के किसानों ने अपने खेतों में सोयाबीन की उपज बोना शुरू कर दिया है।

कृषक अजय पटेल ने बताया बीती रात भी क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई है। इससे जल्दी खेतों में बोवनी के लायक नमी आ जाएगी। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक गत वर्ष जिले में करीब सवा 4लाख हेक्टेयर के दायरे में सोयाबीन की उपज बोई गई थी। वहीं इस वर्ष करीब 5लाख हेक्टेयर के दायरे में जिले में सोयाबीन की फसल बोने का अनुमान है। उन्होंने कहा है कि जिले के जिन क्षेत्रों में 4 इंच के लगभग बारिश हो चुकी है वहां के किसान उपज बो सकते हैं। जबकि जहां से कम पानी बरसा है। वहां के किसानों को कुछ इंतजार करना होगा। खेतों में पर्याप्त नमी के बाद ही सोयाबीन की उपज बोई जाए।

धरती से बाहर आने लगा पीला सोना

किसान अजय पटेल ने बताया कि चिंतामन जवासिया स्थित खेत में उन्होंने कुछ दिन पहले सोयाबीन की फसल बोई थी। कुछ खेतों में सोयाबीन के पौधे निकल आए हैं। बोवनी के बाद नजर आ रहे यह पौधे ऐसे प्रतीत हो रहा है मानो जैसे धरती से पीला सोना बाहर आने लगा हो। उन्होंने बताया कि कुछ दिन की बारिश के बाद पौधे और बड़े होंगे।

इन बातों का रखना होगा ध्यान

कृषि विभाग के जिला अधिकारी श्री नाईक के अनुसार जिले में जिन किसानों के खेतों में अभी पर्याप्त नमी के लायक बारिश नहीं हुई है। उन्हें 4 इंच बारिश होने तक इंतजार करना होगा। इसके अलावा खेतों में सोयाबीन के वही बीज बोए जाएं जो 70 प्रतिशत अंकुरण की क्षमता रखते हो। इसके अलावा पौधे आने पर खेतों में बारिश के पानी की निकासी के भी पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। ताकि जलजमाव की स्थिति खेतों में ना बने और सोयाबीन के पौधे सड़े नहीं।

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