अब वसूली को लेकर स्मार्ट सिटी और यातायात विभाग पर बढ़ रहा प्रेशर
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी आईटीएमएस प्रोजेक्ट के तहत रोजाना ट्रैफिक नियम तोडऩे वाले वाहन चालकों के खिलाफ ई-चालन कार्रवाई कर रहा है, लेकिन महज 25 प्रतिशत लोग ही चालान जमा करने में रुचि दिखा रहे हैं। नतीजतन आईटीएमएस प्रोजेक्ट के तहत चालान जनरेट करने में उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी प्रदेश में सबसे अव्वल तो वसूली में सबसे पीछे हैं।
यातायात नियमों का पालन कराने के लिए प्रदेश की सात स्मार्ट सिटी में लगाए गए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) से बनाए चालान की वसूली में ग्वालियर टाप पर है। वहीं उज्जैन सहित भोपाल, जबलपुर आईटीएमएस से ई-चालान वसूली में पीछे चल रहे हैं। ये शहर अभी तक तीन करोड़ रुपये की वसूली का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए हैं।
स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन उज्जैन ने 20 करोड़ रुपए की लागत से शहर में इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगवाया गया है। इसके तहत शहर के 20 जंक्शनों पर लगे कैमरे हर आने-जाने वाहनों पर नजर रखते हैं और चालक द्वारा नियम का उल्लंघन करने पर चालान जनरेट कर दिया जाता है। तीन साल से भी कम समय में इस सिस्टम के जरिए जनरेट हुए करीब 11 करोड़ 42 लाख रुपए 6 हजार 100 राशि के चालानों में से 2 करोड़ 60 लाख करोड़ रुपए की राशि की वसूली हो चुकी है। जबकि जबलपुर में 4.97 करोड़ रुपये की वसूली हुई है। जबलपुर का आइटीएमएस ग्वालियर के मुकाबले बहुत पहले से एक्टिव है। ग्वालियर आइटीएमएस प्रदेश के अन्य शहरों के मुकाबले सबसे अंत में लगाया गया था।
सड़क पर रोक-रोक कर रहे चेक
ई-चालान वसूली को लेकर यातायात पुलिस पर कितना दवाब है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनदिनों सड़कों पर रूटिन चेकिंग के दौरान ही यातायात पुलिस वाहन चालकों के ई-चालान चेक कर रही है। यातायात जवान चेकिंग करते वक्त वाहनों के दस्तावेज देखने के साथ ही हैंड डिवाइस के माध्यम से ऑनलाइन यह भी चेक कर रहे है कि उक्त वाहन का कही ई-चालान तो नहीं जनरेट हुआ है।
रिकवरी का आंकड़ा 8 करोड़ पार
आईटीएमएस परियोजना में सभी शहरों में यह सामान्य बात है कि रिकवरी (पेड) से ज्यादा वसूली (अनपेड) चालानों की संख्या है। चालान जनरेट तो बड़ी संख्या में हुए, लेकिन जुर्माना कम जमा किया गया है। उज्जैन में अभी तक 11 करोड़ 42 लाख रुपए 6 हजार 100राशि के दो लाख 33 हजार चालान जनरेट किए गए हैं। इसमें पेड चालानों की संख्या 52646 हैं। ऐसे में अब वसूली का आंकड़ा बढ़ाने के लिए ट्रैफिक पुलिस और स्मार्ट सिटी के अधिकारी और कर्मचारियों पर प्रेशन बढऩा स्वभाविक है।
कंपनी को मिलेगी 50 प्रतिशत राशि
आईटीएमएस से जनरेट हुए चालान से जमा की गई राशि में 50 प्रतिशत राशि स्मार्ट सिटी कंपनी को मिलेंगी। इस संबंध में शासन स्तर पर प्रक्रिया चल रही है। इस राशि से शहर विकास के कार्य किए जाएंगे। आईटीएमएस को अपग्रेड करोने के साथ इसका संचालन एवं संधारण करने वाली कंपनी को भी भुगतान किया जा सकेगा। फिलहाल स्मार्ट सिटी उज्जैन द्वारा आईटीएमएस प्रोजेक्ट के तहत जनरेट ई-चालान की जमा राशि शासन के कोष में जमा की जा रही हैं।
उज्जैन स्मार्ट सिटी ने आईटीएमएस प्रोजेक्ट के जरिए प्रदेश में सबसे ज्यादा चालान जनरेट का रिकार्ड बनाया है। हम 2.60 करोड़ रुपए की वसूली भी कर चुके हैं। अनपेड चालानों की वसूली के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा हम आईटीएमएस को भी अपग्रेड कर रहे हैं।
आशीष पाठक, सीईओ स्मार्ट सिटी उज्जैन