ई-चालान वसूली में उज्जैन प्रदेश के सात शहरों में सबसे पीछे
जुर्माना न भरने को लेकर लोगों का कहना- पहले उनसे वसूली करें जिनके बड़े वाहन और कई बार ई-चालान बने
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन।स्मार्ट सिटी के आईटीएमएस प्रोजेक्ट के अंतर्गत ट्रैफिक पुलिस रोजाना ट्रैफिक नियमों को तोडऩे वाले दो और चार पहिया वाहन चालकों पर ई चालान की कार्रवाई कर रहा है, लेकिन इस चालानी कार्रवाई में सिर्फ 1४ प्रतिशत लोग ही चालान जमा कर रहे हैं। बाकी 8६ प्रतिशत लोग किसी ना किसी कारण जुर्माना राशि जमा करने में आनाकानी कर रहे हैं, वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि स्मार्ट सिटी और ट्रैफिक पुलिस पहले उन बस मालिकों से ई-चालान जमा करवाए। जिनके नाम पर एक या एक से अधिक ई-चालान जारी हो चुके हंै।
गौरतलब है कि ट्रैफिक नियम तोडऩे पर चालान बनाने का स्मार्ट सिस्टम तो उज्जैन स्मार्ट सिटी और यातायात पुलिस लेकर आ गई है लेकिन कैमरों से जनरेट हो रहे ई-चालान की वसूली नहीं हो पा रही है। वर्ष 2022 के आंकड़ों की बात करें तो स्मार्ट सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के कैमरों से 1,11,007 ई-चालान बनाए गए हंै। इसमें से 16,257 लोगों ने जुर्माना राशि जमा की है। इसके चलते ई-चालान का बकाया करोड़ों रुपये तक पहुंच चुका है। अब पुलिस इस राशि के लिए वाहन मालिकों को नोटिस जारी करने के साथ उनके घर तक दस्तक दे रही है। बावजूद लोग कई प्रकार के बहाने और तर्क दे रहे है।
उठ चुके हैं अनेक सवाल
उज्जैन अभिषेक नगर निवासी एच के सोनी का कहना है कि शहर में आईटीएमएस के माध्यम से बनाए जा रहे कई ई-चालान पर सवाल उठ चुके हैं। कई बार सिग्नल बंद होने के दौरान चौराहों से गुजरते वक्त चालान बनाने के मामले आए हैं। इसी तरह से नंबर प्लेट में वाहन नंबर स्पष्ट नहीं होने पर किसी और के वाहन का चालान दूसरे के पते पर पहुंचने के भी अनेक मामले हैं।
बस वालों पर नहीं होती है सख्ती
उज्जैन भैरवगढ़ निवासी रतनसिंह का कहना है कि इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक मेंनेजमेंट सिस्टम के तहत दो और चार पहिया वाहन ही नहीं कई यात्री बस चालकों के भी ई-चालान बन चुके हैं। इसमें कुछ बस चालक तो ऐसे हैं जो कई बार रेड लाइट जंप करते कैमरे में कैद हुए हैं। बावजूद इनसे ई-चालान की रिकवरी नहीं हो पा रही है। पहले इनसे जमा करवाओ फिर हम जमा करेंगे।
पहले व्यवस्था सुधारे फिर वसूली पर ध्यान दें…
अलखधाम नगर निवासी मुकेश शर्मा के अनुसार नियम तोडऩे वाले वाहन चालकों से जुर्माना वसूलना गलत नहीं है लेकिन पहले यातायात पुलिस का महकमा शहर ही ट्रैफिक व्यवस्था को तो दूर करें। शहर के तमाम क्षेत्रों में मनमाने पार्किंग और अवैध अस्थाई अतिक्रमण के बीच वाहन चलाना तो मुश्किल है ही पैदल निकलना भी आसान नहीं होता है। गलत पार्किंग और अवैध अतिक्रमण पर भी कार्रवाई होना चाहिए।
यह कारण भी आ रहे सामने
समय पर ऑनलाइन जुर्माने की जानकारी नहीं मिल पाती है।
मोबाइल पर संदेश आता है तब तक तो दो महीने निकल चुके होते हैं।
थाने जाकर जुर्माना भरने से डर लगता है, कुछ और कार्रवाई नहीं कर दें।
सेंटलमेंट की कोशिश में लगे रहते हैं।