एक पंजीयन में 20 मिनिट की जगह घंटों करना पड़ रहा इंतजार
सर्वर डाउन होने के साथ कई तकनीकी समस्याएं भी..
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन ई-रजिस्ट्री से सरकार को हर साल करोड़ों रुपए मिलते हैं, मगर रजिस्ट्री कराने वालों को मिलती है तो सिर्फ परेशानी। पहले तो स्लॉट ही बुक नहीं होता, यदि बुक हो भी जाए, तो रजिस्ट्री के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि चाहे जब सर्वर डाउन हो जाता है। उज्जैन सहित पूरे प्रदेश में पिछले दो माह से यह परेशानी बरकरार है। बावजूद जिम्मेदार अफसर इस पर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
साल 2014 में मैन्युअल रजिस्ट्री बंद होने के साथ ही ई-रजिस्ट्री की शुरुआत हुई। दावा था कि संपदा सॉफ्टवेयर से ई-रजिस्ट्री होगी और रजिस्ट्री पंजीयन का काम बहुत ही आसान और जल्दी हो जाएगा। इसके उलट परेशानी शुरू हो गई और नतीजा यह कि आठ साल में ही सॉफ्टवेयर कछुआ चाल चालने लगा है। नया सॉफ्टवेयर संपदा 2 है, जिसकी टेस्टिंग चल रही है।
कहा जा रहा है कि पहले सॉफ्टवेयर के मुकाबले ये कहीं ज्यादा बेहतर और तेज है। फिलहाल लोग परेशान हैं, क्योंकि नया सॉफ्टवेयर आने तक रजिस्ट्री तो नहीं रोक सकते। अफसर भी नहीं चाहते कि काम रुके, क्योंकि रजिस्ट्री होती है, तो खजाना भरता है। परेशानी का आलम यह है कि सर्विस प्रोवाइडर को स्लॉट बुक करने में ही पसीने छूट जाते हैं। जैसे तैसे बुक हो भी जाए, तो रजिस्ट्री के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है।
रजिस्ट्री में यह तीन दिक्कतें
ई-रजिस्ट्री में दस्तावेजों के पंजीयन से लेकर राशि जमा करने तक में तीन तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन दिनों सर्वर स्लो चल रहा है। ऐसे में समय पर स्लॉट बुक नहीं हो पा रहे हैं। पंजीयन विभाग का पोर्टल भी ठीक से काम नहीं कर रहा है, जिससे रजिस्ट्री कार्य प्रभावित हो रहा है। ट्रेजरी जिला कोषालय का भी इश्यू बना हुआ है, जिसमें चालान जमा नहीं हो पा रहे हैं।
460 करोड़ का लक्ष्य पूरा होना मुश्किल
गौरतलब है कि इस साल जमीन रजिस्ट्री से 460 करोड़ राजस्व आय का लक्ष्य विभाग को मिला है। बीते तीन माह ( एक अप्रैल 2023 से 15 जून 23) तक 94 करोड़ रुपए की आय हुई है। ऐसे में लक्ष्य पूर्ति के लिए 366 करोड़ रुपए की जरुरत है। कहने का तात्पर्य यह है कि ई–रजिस्ट्री को लेकर ऐसे ही हाल रहे तो इस साल लक्ष्य पूरा करना विभाग के लिए मुश्किल हो सकता है।
सीएम तक पहुंची शिकायत
जिला पंजीयन एसोसिएशन के सचिव सुरेंद्र मरमट ने बताया कि सर्वर के कारण रजिस्ट्री में देर दार अपनी जगह है पर इसके साथ ही कई तकनीकी खामियां से भी लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। तकनीकि कमियों के कारण दस्तावेज पंजीयन में कुछ न कुछ चूक हो रही है, जिसके लिए फिर से स्लॉट बुक करना पड़ता है। बावजूद जिला पंजीयन विभाग के अधिकारी गंभीरता नहीं दिखा रहे है।
संपदा सॉफ्टवेयर पर लोड बहुत ज्यादा होने के कारण ही सर्वर डाउन की दिक्कत है। हालांकि काम नहीं रुक रहा है। थोड़ी देर जरूर हो रही है। नए सॉफ्टवेयर के बारे में हमारे पास कोई अपडेट नहीं है।
ऋतंभरा द्विवेदी,
जिला पंजीयक उज्जैन