अधिसूचना तीन दिन बाद करदाताओं के पास पहुंची
उज्जैन।मध्य प्रदेश राज्य शासन द्वारा ई वे बिल की सूची में 21 आयटम और शामिल कर दिए है। इसके बाद ई-वे बिल की अनिवार्यता की सूची में 41 सामान हो गए है। खास बात यह कि अधिसूचना 2 दिसंबर 21 को जारी की गई,लेकिन यह अधिसूचना होने के तीन दिन बाद 5 दिसंबर 21 को करदाताओं के पास पहुंची। इधर कहा जा रहा है कि आयटम की संख्या बढऩे के बाद व्यापारियों पर काम के साथ आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा।
कर सलाहकार और एडवोकेट पीके दास ने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य शासन द्वारा 2 दिसंबर 2021 को अधिसूचना क्रमांक 85 से मध्यप्रदेश राज्य एवं वस्तु कर अर्थात जीएसटी में संशोधन किए हैं। वर्तमान में प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले में वस्तुओं के परिवहन के लिए 50000 रु.से ज्यादा के मूल्य के बिल के लिए १२ अधिसूचित वस्तुओं पर ई वे बिल जारी करने की अनिवार्यता थी। नई अधिसूचना के अनुसार ई वे बिल के नियम २९ आयटम और शामिल कर दिए गए है।
यह आयटम जोड़े
अधिसूचित वस्तुओं में मुख्य रूप से सभी प्रकार का कपड़ा, कपड़े के प्रकार ,मोटर व्हीकल एवं उसके पुर्जे, रबड़ एवं रबड़ की वस्तुएं, सभी प्रकार का स्क्रैप, सभी प्रकार के बर्तन, सीमेंट व सीमेंट से बनी वस्तुएं, मार्बल ग्रेनाइट, पत्थर, कॉपर एवं ब्रास के उत्पाद, अल्युमीनियम एवं उत्पाद, निकल एवं उस से बनी सभी प्रकार के पदार्थ, फटाके, एक्सप्लोसिव, सभी प्रकार की क्रोकरी, सभी प्रकार का कॉस्मेटिक्स एवं टॉयलेट आर्टिकल, हार्डवेयर सामान, प्लास्टिक एवं प्लास्टिक से बना सामान, सभी प्रकार के पैकिंग मैटेरियल, रस्सी, सेनेटरी सामान, पेस्टिसाइड्स, कोल, पेट्रोलियम प्रोडक्ट, डामर, इमल्शन, बायोडीजल, ड्राई फ्रूट्स ,किराना सामान, तेल, बीज, पेंट्स, पुट्टी, मोलासेस, सुपारी एवं सुपारी के उत्पाद, माउथ फ्रेशनर व उस तरह की वस्तुएं, मिनरल वाटर, चॉकलेट्स , कोका से बने सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ।
व्यापारियों की जिम्मेदारी बढ़ेगी
शासन द्वारा लगभग सभी प्रकार की कर योग्य वस्तुओं को इस सूची में सम्मिलित कर लिए जाने से अब सभी पंजीकृत व्यवसायियों को माल का एक जिले से दूसरे जिले में लाने ले जाने पर ई वे बिल जनरेट करने की बाध्यता आ गई है। नए प्रावधान से व्यापारियों पर कानून के अनुपालन की जिम्मेदारी बहुत ज्यादा आ गई है। व्यवसायियों पर कार्य एवं आर्थिक बोझ भी बहुत ही बढ़ जाएगा।
पेनल्टी का खतरा
शासन द्वारा अधिसूचना 2 दिसंबर से तत्काल प्रभाव से ही लागू कर दी है । करदाताओं के हाथ में अधिसूचना 5 दिसंबर को आई हैं। इस वजह से 2 से ४ दिसंबर तक के 3 दिनों में किए व्यवहारों पर भी पेनल्टी का खतरा बना हुआ है।
ईवे बिल सृजित करना अनिवार्य है
जीएसटी व्यवस्था में 50,000 रुपये से अधिक मूल्य की वस्तुओं के ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई वे बिल को अनिवार्य है। इलेक्ट्रॉनिक वे बिल सिस्टम में, उद्यमों और ट्रांसपोर्टर्स को मांगे जाने पर जीएसटी इंस्पेक्टर के सामने ईवे बिल प्रस्तुत करना होता है। राज्य सरकार ने जीएसटी काउंसिल के निर्णयानुसार राज्य में दो जिलों के बीच वस्तुओं के परिवहन पर इ-वे बिल अनिवार्य कर रखा है। इसके लिए कोड के आधार पर 12 वस्तुएं के समूह तय किए गए हैं। इसे बढ़ाकर ४१ कर दिया गया है। सरकार ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।ऐसे में सरकार द्वारा चिह्नित की गई ४१ वस्तुओं के परिवहन पर ई-वे बिल लागू है, उनके परिवहन की स्थिति में वस्तु का टैक्स इनवॉइस या बिल अनिवार्य रूप से लेकर चलना होगा।