प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने नए अध्यक्ष के लिए मांगे नाम…
भोपाल पहुंचा कांग्रेस के कार्यक्रम में पूर्व पार्षद को मंच से ‘गद्दार’ कहने का मामला
उज्जैन।कांग्रेस के कार्यक्रम में कांग्रेस की पूर्व पार्षद को गद्दार कहने का मामला भोपाल पहुंचने के बाद उज्जैन शहर कांग्रेस अध्यिक्ष पद से महेश सोनी को हटाना लगभग तय हो गया है। नए अध्यक्ष के लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने नाम भी मांग लिए है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेश सोनी के बोल-वचन का मसला भोपाल तक पहुंच गया है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने उज्जैन से गए नेताओं से चर्चा की। विवाद,बवाल और सोनी की कार्यप्रणाली को कमलनाथ ने गंभीरता से लिया है। सूत्रों के अनुसार उन्होंने जल्द ही बदलाव करने की बात कही है। इसके बाद महेश सोनी का पद से हटना तय है। सूत्रों का यह भी कहना है कि कमलनाथ ने यह भी कहा कि नया अध्यक्ष किसे बनाए नाम बताएं।
इस पर प्रतिनिधि मंड़ल में शामिल नेताओं ने कहा कि अध्यक्ष तो आप ही तय करें,किसी को भी बना दें,पर सोनी को हटा दें। हालांकि इस मसले पर कांग्रेस पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल लेकर भोपाल पहुंची प्रदेश महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष माया त्रिवेदी का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात कर पूरे मामले से अवगत कराया हैं। कमलनाथ ने कांग्रेस नेताओं की बातों को गंभीरता से सुना एवं शीघ्र ही कार्रवाई का आश्वासन दिया।
शहर अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर भी आपत्ति, पार्टी में गुटबाजी बढ़ी….उज्जैन के कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को भोपाल पहुंच कर पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से शहर अध्यक्ष की शिकायत करते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष सोनी ने महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष माया राजेश त्रिवेदी व ब्लॉक अध्यक्ष श्रवण शर्मा व मुजीब सुपारी वाला के खिलाफ अभद्र भाषा और गद्दार शब्द का उपयोग किया। जिसको लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। इसके साथ ही सोनी की कार्यप्रणाली को लेकर आपत्ति के साथ तथ्यात्मक शिकायत कमलनाथ के सामने रखी गई है।
पूर्व विधायक के खास होने का मिलता रहा लाभ…शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेश सोनी कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले शहर के पूर्व विधायक के खास माने जाते है। उन्होंने ही कमलनाथ की निकटता का लाभ लेकर सोनी को शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद पर काबिज कराया था। यह भी बताया जाता है कि सोनी की कार्यप्रणाली पर यह पूर्व विधायक पर्दा भी डालते रहे है, इसका नतीजा यह रहा कि सोनी का कांगे्रस में विरोध बढ़ता रहा। इसके अलावा महत्वपूर्ण बात यह है कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी सोनी के व्यवहार का शिकार हुए हैं, पूर्व विधायक खामोश रहे।