स्टॉफ ने कहा यहां जगह नहीं है…
सांसे थमने लगी तो परिजन प्रायवेट अस्पताल ले लेकर पहुंचे, वहां पोर्च में लेटाकर दी ऑक्सीजन…
उज्जैन। माधवनगर हॉस्पिटल को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल गत वर्ष बनाया गया था। आम सोच है कि कोरोना होने पर यहीं मरीज को लेकर जाना है। यही स्थिति बिती रात बनी। एक पॉजिटिव मरीज को परिजन रात्रि डेढ़ बजे हॉस्पिटल लेकर आए। बताया कि ऑक्सीजन का लेवल ऑक्सीमीटर पर 85 तक आ गया है,श्वास लेने में परेशानी है,घबराहट हो रही है।
मौके पर उपस्थित डॉक्टर ने कहा- यहां जगह नहीं है, कहीं ओर ले जाओ। परिजनों ने कहाकि आप ही बताओ,यह हॉस्पिटल सरकार ने बनाया है,यहां से भगाओगे तो कहां ले जाएंगे? इसके बाद डॉ.संजीव कुमरावत ने हस्तक्षेप किया और भर्ती करने को कहा। उसके बावजूद भी भर्ती नहीं किया गया। परिजन बोले कि पोर्च में ही रख लो। जमीन पर बैठा दो। डॉक्टर ने कहाकि सुबह 8 बजे भर्ती करेंगे,क्योंकि तभी बेड खाली होंगे। इस स्थिति में परिजन एक प्रायवेट हॉस्पिटल में मरीज को लेकर गए और उसकी जान बचाई।
परिजनों का आरोप…फोन नहीं उठाया सीएमएचओ ने : परिजनों का आरोप है कि कलेक्टर ने जितने जिम्मेदारों के मोबाइल नम्बर जारी करवाए थे,उन्होने फोन नहीं उठाया तो सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल को लगाया। उन्होने भी मोबाइल फोन अटेण्ड नहीं किया,घण्टी जाती रही।