जहां सिंहस्थ नहीं लगता उसे मेला क्षेत्र से मुक्त कराने के लिए नागरिक लामबद्ध
इंदिरा नगर में एकत्र हुए आगर रोड सिंहस्थ क्षेत्र की कॉलोनियों के रहवासी….
उज्जैन।बीते तीन सिंहस्थ में उन क्षेत्रों में मेले संबंधित कोई भी आयोजन और गतिविधियां नहीं हुई। ऐसे क्षेत्र आवासीय इलाकों में परिवर्तित हो चुके है, पर सरकारी दस्तावेजों में यह इलाके अभी भी सिंहस्थ क्षेत्र के तौर पर दर्ज होने से यहां के रहवासी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
ऐसे में नागरिक अब उनके रहवासी क्षेत्र को सिंहस्थ से मुक्त कराने के लिए लामबद्ध हो गए हैं। इनका कहना है कि जहां सिंहस्थ नहीं लगता उसे मेला क्षेत्र से मुक्त किया जाए।
इसके लिए घर-घर से मास्टर प्लान 2035 पर आपत्ति के आवेदन जमा हो रहे हैं। शुक्रवार सुबह तक करीब 1500आपत्ति जमा हो चुकी है और यह सिलसिला जारी है। संभावना है कि आपत्तियों का आंकड़ा 3000 से 3500 हो सकता है। इन आपत्तियों को एक साथ जमा किया जाएगा।
पिपलीनाका क्षेत्र की कॉलोनियों के सैकड़ों लोगों ने नए मास्टर प्लान को लेकर आपत्तियां ली है। इनकी मांग है कि जिन कॉलोनियों, बस्तियों में मेला लगता ही नहीं उन्हें सिंहस्थ क्षेत्र से मुक्त करें। नए मास्टर प्लान-2035 में शिप्रा का ग्रीन बेल्ट 200 मीटर रखा जाए। 2016 में जिन जमीनों का सिंहस्थ में उपयोग हुआ, उन्हें मुक्त नहीं किया जाए। इसके लिए लगातार आपत्ति भरी जा रही है।
मुक्त नहीं किया तो वैध नहीं हो सकेंगी कॉलोनियां: राज्य शासन अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए फैसला ले चुकी है। विधानसभा चुनाव के पहले सरकार इन कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। यदि इन्हें सिंहस्थ क्षेत्र से मुक्त नहीं किया गया तो इन्हें वैध नहीं कर सकेंगे। ऐसे में इन कॉलोनियों के रहवासियों की समस्याएं जस की तस रहेंगी।
मुक्त करने के लिए लंबे समय से प्रयास
सिंहस्थ क्षेत्र की कॉलोनियों को लेकर पिछले सिंहस्थ में भी बवाल हुआ है, लेकिन सिंहस्थ क्षेत्र में शामिल कॉलोनियों को मुक्त करने जैसे मुद्दे से अधिकांश जनप्रतिनिधि दूरी बनाए रखते हैं। नतीजतन पुराने शहर की कई कॉलोनियों जहां कम से कम दो सिंहस्थ से मेला नहीं लगा उन्हें भी सिंहस्थ क्षेत्र से मुक्त नहीं किया गया है।
इस कारण इन कॉलोनियों में न तो निर्माण की अनुमति मिलती है और न ही यहां के रहवासी अपनी संपत्ति पर बैंक ऋण आदि ले पाते हैं। इन संपत्तियों की दामों में भी इजाफा नहीं होता।
गुरुवार को पिपलीनाका पर ऐसी ही कॉलोनियों के रहवासी जुटे। एडीएम संतोष टैगोर को नए मास्टर प्लान व सिंहस्थ प्लान को लेकर अपनी मांग और आपत्तियां सौंपी। इस बीच विधायक पारस जैन ने नगरीय प्रशासन के पीएस मनीषसिंह से चर्चा कर आपत्तियां लेने और सुनवाई के लिए किसी अधिकारी को उज्जैन भेजने की मांग।
इधर सिंहस्थ क्षेत्र की कॉलोनियों को लेकर शुक्रवार सुबह आगर रोड क्षेत्र के वार्डों के नागरिक एकत्र हुए। उन्होंने क्षेत्रीय विधायक पारस जैन, पूर्व निगम अध्यक्ष सोनू गेहलोत को ज्ञापन दिए। बताया जा रहा है कि सिंहस्थ क्षेत्र की अनुपयोगी जमीन को मास्टर प्लान में सिंहस्थ से मुक्त कराने के लिए उच्च स्तर पर प्रयास करने के साथ ही मुख्यमंत्री को वस्तुस्थिति से अवगत कराने की कोशिश हो रही है।
नागरिकों की मांग से कई नेता सहमत
नगर भाजपा अध्यक्ष विवेक जोशी के अनुसार नागरिकों, पूर्व पार्षदों की मांगों से संगठन सहमत है। जहां मेला नहीं लगता उन कॉलोनियों को मुक्त करना चाहिए।
इस संबंध में मुख्यमंत्री से मिल कर मांगों की जानकारी दी जाएगी। सांसद अनिल फिरोजिया से पूर्व पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल पूर्व महापौर मीना जोनवाल, पूर्व परिषद अध्यक्ष गेहलोत, जेपी राठी के नेतृत्व में मिला।
इस दौरान आंतरिक मार्गों के चौड़ीकरण व सेवरखेड़ी डेम की मांग उठी। पूर्व नगर भाजपा अध्यक्ष अनिल जैन कालूहेड़ा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से मिलकर बताया कि जिन क्षेत्र में सिंहस्थ नहीं लगता है, उस क्षेत्र को सिंहस्थ से मुक्त किया जाए।
भरे जा रहे आवेदन… पिपलीनाका क्षेत्र रहवासी विशाल पांचाल के अनुसार सिंहस्थ क्षेत्र में शामिल कॉलोनियों को सिंहस्थ क्षेत्र से मुक्त कराने के लिए अधिकारियों ने लिखित में आपत्तियां देने का सुझाव दिया है।
इसी क्रम में नागरिकों आपत्ति दर्ज करा रहे है। अभी तक 1500 से अधिक आवेदन एकत्र हो गए हंै। अगले तीन दिन में 3500 से अधिक आपत्ति एकत्र होने की संभावना है।