सीढिय़ों पर गाद की फिसलन से गिर रहे लोग मटमैले पानी में स्नान
उज्जैन।शनिश्चरी अमावस्या पर्व स्नान के लिये प्रशासन द्वारा त्रिवेणी घाट पर तैयारियां शुरू की जिसके चलते स्टापडेम के गेट खोलकर नदी का बारिश से स्टोर पानी आगे बहाया गया। त्रिवेणी घाट पर नर्मदा का साफ पानी लाने की बात कही जा रही है जबकि दूसरी ओर रामघाट पर पानी का लेवल 3 फीट कम होने से सीढिय़ों पर फिसलन हो गई है। लोग मटमैले पानी में स्नान कर रहे हैं वहीं फिसलन से गिरकर घायल भी हो रहे हैंँ।
बारिश सीजन के दौरान शिप्रा नदी में स्टोर हुए पानी में ही लोग अब तक स्नान, पूजन अर्चन कर रहे थे। कल होने वाले शनिश्चरी अमावस्या पर्व स्नान के पहले पीएचई द्वारा शिप्रा नदी के स्टापडेम के गेट खोलकन पहले से स्टोर पानी आगे बहा दिया गया है। वर्तमान में त्रिवेणी घाट पर नर्मदा का पानी स्टोर किया गया है, लेकिन रामघाट से छोटे पुल तक पानी का 3 फीट लेवल कम हो चुका है। पानी कम होने से सीढिय़ों पर जमीं गाद के कारण फिसलन से लोग गिरकर घायल हो रहे हैं। यहां तक अभी नर्मदा का पानी नहीं पहुंचा है लोग मटमैले पानी में ही स्नान कर रहे हैं।
यहां भी पर्व स्नान का महत्व…शनिश्चरी अमावस्या पर बड़ी संख्या में लोग पर्व स्नान करने त्रिवेणी घाट पहुंचते हैं, लेकिन रामघाट पर भी अमावस्या सहित अन्य पर्व पर लोग स्नान करने पहुंचते हैं। खास बात यह कि देश भर से उज्जैन दर्शन करने आने वाले लोग प्रतिदिन रामघाट पर ही स्नान करते हैं।
गऊघाट का पानी पहुंचेगा…पीएचई अफसरों ने बताया कि बारिश के दौरान गऊघाट पर स्टोर पानी को रामघाट की ओर बहाया गया है। इस पानी को छोटे पुल तक स्टोर किया जायेगा। अफसर शिप्रा नदी के पानी को स्वच्छ बता रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि इस पानी में कान्ह का दूषित पानी भी मिला हुआ है। जिसमें लोग स्नान करेंगे।