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उज्जैन:रोज शिकायतें, फिर भी सुनवाई में देरी, १४०० मामले पेंडिंग

जिला उपभोक्ता फोरम से कैसे मिले जल्द न्याय : 120 दिनों में सुनवाई पूरी करने का है प्रावधान

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उज्जैन।जिला उपभोक्ता फोरम में लॉकडाउन के चलते एक हजार से अधिक मामले पेडिंग पड़े हैं। जिसके कारण यहां समय पर लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। जबकि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत उपभोक्ता मामलों की सुनवाई 120 दिनों में पूरी करने का प्रावधान है, ताकि उपभोक्ताओं को शीघ्र न्याय मिल सके, लेकिन फोरम में पिछले दो साल पुराने प्रकरणों पर भी अभी तक सुनवाई नहीं हो पाई हैं। उज्जैन जिला उपभोक्ता फोरम में 2020 से लेकर अभी तक खराब व एक्सपायरी सामान से उपभोक्ताओं को हुए नुकसान, इलेक्ट्रानिक आयटम में खराबी, मापतौल में अंतर जैसे छोटे-छोटे मामले भी जस के तस पड़े हैं। जिनकी संख्या 1400 से अधिक है।

यह भी है देरी का कारण
जिला उपभोक्ता फोरम स्टॉफ की कमी से जूझ रहा है। यहां के कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्तबोझ है। एक न्यायाधीश, एक बाबू,एक नाजिर,एक रीडर,एक डिस्पेचर और एक चपरासी के भरोसे फोरम का सारा काम चल रहा है। वहीं न्यायकर्ता पर उज्जैन सहित देवास, शाजापुर के प्रकरणों की सुनवाई की जवाबदारी होना भी प्रकरण लम्बित होने का कारण बना हुआ है।

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जानकारी का अभाव इसलिए उपभोक्ता नहीं करते पैरवी
उपभोक्ता फोरम में शिकायत की प्रक्रिया इतनी सरल है कि खुद उपभोक्ता आपनी पैरवी कर सकता है, लेकिन जानकारी के अभाव के कारण उपभोक्ता को वकील का सहारा लेना पड़ता है। यही कारण है कि उपभोक्ता फोरम के 90 प्रतिशत मामलों में वकील ही पैरवी करते है।

उपभोक्ता ऐसे करें शिकायत
कोठी महल के पीछे स्थित जिला उपभोक्ता कोर्ट में उपभोक्ता एक फॉर्म के जरिए अपनी शिकायत फोरम में दर्ज करा सकता है। शिकायत में मामले का पूरा ब्योरा होना चाहिए कि घटना कहां और कब की है।

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इसके साथ ही शिकायत के समर्थन में उपभोक्ता को सामान बिल और अन्य दस्तावेज भी पेश करना होता है। शिकायत पत्र में यह भी लिखा जाता है कि आप सामने वाली कंपनी से कितनी राहत चाहते हैं। इसके एवज में फोरम में शुल्क भी जमा किया जाता है। 5 लाख रुपए तक के मामलों में शिकायत बिल्कुल नि:शुल्क होती है, लेकिन 5 से 10 लाख तक 200 रुपए, 10 से 20 लाख तक 400 रुपए, 20 से 50 लाख तक 1000 रुपए और 50 लाख से अधिक के मामलों में 2000 रुपए शिकायतकर्ता को फोरम में जमा करवाना पड़ते है।

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