भगवान शनिदेव के 35 फीट दूर से दर्शन
उज्जैन।शनिश्चरी अमावस्या के अवसर पर आज सैकड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी घाट पर पर्व स्नान के लिये पहुंचे। प्रशासन द्वारा पर्व स्नान के लिये व्यापक इंतजाम किए गए थे। इसके बावजूद कान्ह नदी पर बना कच्चा बांध टूटने से श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई।
त्रिवेणी घाट पर फव्वारे में स्नान के बाद लोग शनिदेव के दर्शन पूजन करते रहें। प्रशासन द्वारा मंदिर में दर्शन की अनुमति दी गई लेकिन 35 फीट दूरी से। लोग जूते-चप्पल पहने कतार में लगकर दूर से भगवान के दर्शन कर रहे थे जिन्हें पुलिसकर्मियों ने हाथ पकड़कर बाहर का रास्ता दिखाया।
खास बात यह कि लोगों द्वारा दर्शनों के पहले पनौती के रूप में जूते-चप्पल छोड़े जाते हैं लेकिन पुलिस ने लोगों को जूते चप्पल भी नहीं उतारने दिये।
श्रद्धालुओं का कहना था कि कोरोना नियमों की वजह से पिछले दो साल से भगवान के दर्शन पूजन नहीं कर पा रहे है और इस बार प्रशासन ने दर्शनों की अनुमति दी लेकिन भगवान से दूरी बढ़ा दी।
रामघाट पर भी पहुंचे सैकड़ों लोग
शनिश्चरी अमावस्या पर त्रिवेणी घाट पर स्नान का पौराणिक महत्व है, जबकि सैकड़ों लोग शिप्रा नदी के रामघाट पर भी स्नान के लिये पहुंचे। नगर निगम और पुलिस अफसरों को यहां सुरक्षा व्यवस्था के लिये तैनात किया गया था। यहां लोगों ने नदी में डुबकी लगाने के बाद पूजन अर्चन और दान पुण्य किया।
घाट तक नहीं आने दिया गंदा पानी…
कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार जल संसाधन द्वारा बनाए गए मिट्टी के डेम में मावठे की बारिश और फिर धूप निकलने से दरारें आ गईं। इससे डेम धंसने की आशंका के चलते जल संसाधन द्वारा दिनभर सुधार कार्य कराया गया।
इसके बाद भी मिट्टी का कटाव हो गया। गंदा पानी शनि मंदिर घाट तक नहीं आने दिया। पाईप लाईन के जरिए आने वाले नर्मदा के पानी फ्लो तेज कर बंदा पानी आगे बढ़ा दिया।