उज्जैन:सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

सुसाइड नोट में भ्रष्टाचार न करने पर एमडी और कर्मचारी द्वारा प्रताडऩा का आरोप
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उज्जैन।माकड़ौन जिला सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक ने बीती रात अपने मकान की तीसरी मंजिल पर रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पत्नी, बेटे व बहू अपने कमरों में सो रहे थे। सुबह तीन बजे कमरे में नहीं मिलने पर परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की तो वह तीसरी मंजिल पर फांसी पर लटके मिले। उनके हाथ में एक सुसाइड नोट था जिसमें भ्रष्टाचार कर रुपये उगाकर नहीं देने पर एमडी और कर्मचारी द्वारा प्रताडऩा की बात लिखी है। चिमनगंज पुलिस ने शव को पीएम के लिये जिला चिकित्सालय भिजवाया व नोट जब्त किया है।
लालसिंह पिता अंतरामसिंह कुशवाह 61 वर्ष निवासी खण्डेलवाल नगर जिला सहकारी बैंक माकड़ौन में शाखा प्रबंधक के पद पर पदस्थ थे। बीती रात 8 बजे वह ड्यूटी से घर लौटे थे। सुबह 3 बजे उनकी पत्नी राजेन्द्री ने देखा कि लालसिंह बिस्तर पर नहीं हैं। उन्होंने अपने पुत्र नरेन्द्र को जगाया। घर में तलाश किया। तीसरी मंजिल पहुंचकर देखा लालसिंह ने चढ़ाव पर लगी लोहे की रेलिंग पर रस्सी बांधकर फांसी लगाई थी। उनके हाथ में एक सुसाइड नोट भी था। पुत्र नरेन्द्र ने बताया कि पिता पिछले 6 माह से परेशान थे। उन्हें सहकारी बैंक में भ्रष्टाचार कर रुपये कमाकर देने के लिये एमडी व अन्य कर्मचारियों द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा था। पिता द्वारा भ्रष्टाचार से इंकार किया गया तो अफसरों ने ट्रंासफर और नौकरी से निकालने की धमकी भी दी थी।
पिछले सात दिनों से पिता इतने अधिक परेशान हो गये थे। पुत्र नरेन्द्र के मुताबिक परिवार के सदस्यों ने उन्हें वीआरएस लेकर नौकरी छोड़ देने की बात भी कही थी लेकिन लालसिंह ड्यूटी पर जा रहे थे। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे चिमनगंज थाने के एएसआई देवीलाल मालीवाड़ ने बताया कि डेढ़ पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ है। पुत्र नरेन्द्र के बयान भी लिये गये हैं, उसके द्वारा पिता के परेशान होने की बात बताई है।
बेटा प्रायवेट कॉलेज में अकाउंटेंट
अफसरों और कर्मचारियों से प्रताडि़त होकर आत्महत्या करने वाले लालसिंह कुशवाह का पुत्र नरेन्द्र कुशवाह प्रायवेट कॉलेज में अकाउंटेंट है। उनकी दो पुत्रियों की शादी हो चुकी है। नरेन्द्र ने बताया कि रात में भोजन के बाद पिता अपने कमरे में सोने चले गये थे और मैं पत्नी बच्चों के साथ अपने कमरे में सो रहा था। मां राजेन्द्र पिता को तलाश करते हुए मेरे कमरे तक पहुंची फिर हमने उनकी तलाश शुरू की।