Thursday, June 8, 2023
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उज्जैन:सेवानिवृत्ति की कगार पर खड़े सहायक यंत्री पीयूष भार्गव निलंबित…

नगर निगम हित के विरुद्ध कार्य किया, सेवानिवृत्ति की कगार पर खड़े सहायक यंत्री पीयूष भार्गव निलंबित…

सदावल प्लांट पर देखेंगे गंदे पानी का ट्रीटमेंट…

उज्जैन। नगर निगम उज्जैन के कई मामलों में विवादास्पद सहायक यंत्री पीयूष भार्गव को नगर निगम हित के विरुद्ध कार्य करने पर निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में भार्गव का मुख्यालय सदावल ट्रीटमेंट प्लांट उज्जैन किया गया है। बता दें कि भार्गव की सेवानिवृत्ति में एकसाल से कम समय बचा हैं।

नगर निगम के सहायक यंत्री और प्रभारी कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव में हाल ही में तीनों से कार्य किए, जो नगर निगम के हितों के विरुद्ध हो गए। इसमें ना केवल उन्होंने लापरवाही बरती, बल्कि नियम खिलाफ कार्य करने के लिए कूट रचित दस्तावेज भी तैयार कर दिए। इससे नगर निगम की छवि प्रभावित हुई। वही हितों का नुकसान भी हुआ है। इसी के चलते नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने पीयूष भार्गव को 3 से अधिक प्रकरणों में नगर निगम हित के विरुद्ध कार्य करने पर निलंबित कर दिया है।

इसलिए की कार्रवाई

नगर निगम से संबधित एक प्रकरण प्रतापराय पिता तीरथ दास राजनी आदि विरुद्ध नगर पालिका उज्जैन में पीयूष भार्गव प्रभारी अधिकारी रहते हुए नगर निगम पक्ष का समर्थन करने के लिए न्यायालय के समक्ष किसी भी दिनांक को उपस्थित नहीं हुए। अंतिम अवसर दिए जाने पर भी निगम पक्ष का समर्थन नहीं किया। इस कारण न्यायालय द्वारा साक्ष्य का अवसर समाप्त कर दिया गया।

उज्जैन शहर में विभिन्न स्थानों पर सामुदायिक शौचालय के संचालन एवं संधारण के लिए आमंत्रित निविदा में व्यय आंकलन किए बगैर ही टेंडर जारी किया गया। अर्नेस्ट मनी कम रखी गई। 200 लाख रु. से अधिक का टेंडर होने के बाद भी सक्षम स्वीकृति के बगैर टेंडर निविदा समिति को स्वीकृती के लिए भेज दिया।

पीयूष भार्गव द्वारा अवैध निर्माण के प्रकरण में कूटरचित दस्तावेज बनाकर दिनेश कुमार पिता सुगनामल फुलवानी को बिना दिनांक का सूचना पत्र जारी किया गया।

प्रकरण में न्यायालय सप्तम व्यवहार न्यायाधीश द्वारा पारित निर्णय में अभिलिखित किया गया है कि दिनेश कुमार पिता सुगनामल फुलवानी को बिना दिनांक का सूचना पत्र जारी किया गया। कार्यालयीन अभिलेखों में बिना दिनांक के सूचना पत्र विभिन्न नामों से जारी किए जाना पाया गया।

सिंहस्थ-2016 में शौचालय घोटाला में नामजद आरोपी हैं भार्गव…

सिंहस्थ 2016 में शौचालय साफ-सफाई,निर्माण में घोटाले पर 3 वर्ष पहले ईओडब्ल्यू भोपाल ने एफआईआर दर्ज कर रखी हैं। शहर में अप्रैल-मई 2016 में सिंहस्थ का आयोजन हुआ था। इसमें स्नान के लिए आने वाले और यहां पर ठहरने वाले श्रद्धालुओं के लिए तमाम सरकारी इंतजाम किए थे।

3.25 करोड़ रुपए के शौचालय निर्माण के दौरान अफसरों और प्राइवेट फर्म के संचालकों ने मिलकर गड़बडिय़ां की थी। इसमें नगर निगम के अफसरों द्वारा 1.32 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भुगतान किया। ईओडब्ल्यू ने एफआईआर कर निगम अधिकारियों को आरोपी बनाया है।

शौचालय निर्माण घोटाले में ब्रिक एंड बांड इन्फेकोन कंपनी इंदौर के सिद्धार्थ जैन, निगम के सहायक यंत्री पीयूष भार्गव, कार्यपालन यंत्री रामबाबू शर्मा, कार्यपालन यंत्री राकेश श्रीवास्तव, उपयंत्री श्याम सुंदर शर्मा के खिलाफ गबन की धारा 409, धोखाधड़ी की धारा 420, सबूत नष्ट करने की धारा 201 में आरोपी बनाया है।

सिंहस्थ-2016 के पहले महाकाल मंदिर के सामने गलियार के निर्माण के दौरान हादसे में दो श्रमिकों की मौत हो गई थी। गलियारे का निर्माण भार्गव के सुपरविजन में हुआ था। अफसरों ने भार्गव को क्लिनचिट दी थी।

भार्गव के प्रभारी कार्यपालन यंत्री का मसला भी विवादास्पद हैं। उच्च स्तर तक शिकायत के बाद मामला राजधानी की फाइलों में दफन हैं।

स्पष्टीकरण मांगा था….उक्त तीनों मामलों में पीयूष भार्गव को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगे गए थे,जो समाधानकारी नहीं थे। निलंबन आदेश में कहा गया कि पीयूष भार्गव द्वारा निगम हित विरुद्ध कार्य,प्रकरण के निराकरण में घोर करना,कूटरचना करना पाया गया हैं, जो गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता हैं।

अत: प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए प्रशासक के संकल्प द्वारा दी गई स्वीकृति अनुसार भार्गव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि में भार्गव का मुख्यालय सदावल ट्रीटमेंट प्लांट रखा गया हैं। बता दें कि शहर के गंदे पानी को शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए पानी को सदावल प्लांट में ट्रीट कर पानी सिंचाई के लिए दिया जाता हैं।

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