गत वर्ष की तरह ही इंतजाम, मार्ग पर आम लोगों का प्रवेश नहीं
भगवान महाकाल सृष्टि का भार भगवान द्वारकाधीश को सौंपेगे
उज्जैन। वैकुण्ठ चतुर्दशी के अवसर पर मंगलवार को हरिहर मिलन होगा। भगवान महाकाल सृष्टि का भार भगवान द्वारकाधीश को सौंपने के लिए मध्यरात्रि को पालकी पर सवार होकर गोपाल मंदिर जाएंगे। हरिहर मिलन की सवारी बुधवार को रात्रि 11 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर से गोपाल मंदिर जाएगी।
महाकालेश्वर भगवान (हर) श्री द्वारकाधीश ( हरि) को सृष्टि का भार सौपेंगे। पौराणिक मान्यतानुसार देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु पाताल लोक राजा बली के यहॉ विश्राम करने जाते है इसलिए उस समय संपूर्ण सृष्टि की सत्ता का भार शिव के पास होता है। वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन हर-हरि को उनकी सत्ता का भार वापस सौंपकर कैलाश पर्वत तपस्या हेतु लौट जाते है। इस धार्मिक परंपरा को हरिहर मिलन कहते है।
महाकालेश्वर भगवान की सवारी हरिहर मिलन के लिए महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप से रात 11 बजे रवाना होगी। सवारी महाकाल चौराहा, गुदरी बाजार, पटनी बाजार होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेगी। यहां भगवान महाकालेश्वर एवं श्री द्वारकाधीश का पूजन होगा। भगवान महाकाल का पूजन विष्णुप्रिया तुलसीदल से किया जाएगा। भगवान श्री विष्णु को शिवप्रिय बिल्वपत्र अर्पित किए जाएंगे। इस प्रकार दोनों की प्रिय वस्तुओं का एक दूसरे को भोग लगाया जाएगा। बता दें कि बीते दो वर्षों से हरि हर मिलन की सवारी कोविड गाइड लाइन के तहत सादगी से निकाली जा रही है। इस वर्ष भी सादगी से ही सवारी निकलेगी। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि सवारी के दौरान आम लोगों का मार्ग पर प्रवेश प्रतिबंधित होगा। आतिशबाजी और स्वागत पूजन पर भी रोक रहेगी।