कड़छा-बरलई के बीच ट्रैक लिंकिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन से लेकर स्टेशन बिल्डिंग पर नए एफओबी का कार्य चल रहा
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। उज्जैन-देवास-इंदौर के बीच चल रहे रेलवे लाइन दोहरीकरण में फरवरी के अंत तक 52 किमी हिस्से में काम पूरा हो जाएगा। इस सेक्शन में रेलवे कड़छा-बरलई के बीच मेगा ब्लॉक लेकर तेजी से काम कर रहा है। फिलहाल इस हिस्से में ट्रैक लिंकिंग, सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन का काम रेलवे तेजी से कर रहा है। ट्रैक के साथ ही इस सेक्शन में आने वाले स्टेशन नारंजीपुर, देवास, बिंजाना, बरलई स्टेशन के प्लेटफॉर्म, नए एफओबी का काम भी साथ चल रहा है, वहीं इंदौर के लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन पर काम प्रारंभ हो गया है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि तय समय-सीमा में इस काम को पूरा कर दिया जाएगा। इस सेक्शन पर काम करने के साथ ही रेलवे इसकी सीआरएस (कमिश्नर रेलवे सेफ्टी) इंस्पेक्शन करवाने की तैयारी भी इसी महीने कर रहा है। दरअसल, दोहरीकरण के इस प्रोजेक्ट में रेलवे ने उज्जैन से कड़छा तक के बीच करीब 15 किमी हिस्से में काम पिछले साल ही पूरा कर दिया था। अब उज्जैन से कड़छा के बीच करीब 37 किमी हिस्से में काम तेजी से चल रहा है। रेलवे ने इसके लिए मेगा ब्लॉक लिया हुआ है। इस वजह से 18 ट्रेनें निरस्त की। 56 ट्रेनें डायवर्ट रूट से चल रही हैं।
लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन पर काम शुरू
रेलवे ने इंदौर के लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन के विकास का मैदानी काम शुरू कर दिया। फिलहाल स्टेशन बिल्डिंग के पास भागीरथपुरा बस्ती के सामने बने पार्किंग और ऑटो रिक्शा स्टैंड पर लगी इंटरलॉकिंग टाइल्स उखाडऩे का काम शुरू हुआ है। उज्जैन-देवास-इंदौर रेल लाइन दोहरीकरण के लिए यह कवायद हो रही है, क्योंकि दोहरीकृत रेल लाइन वर्तमान पार्किंग एरिया और प्लेटफार्म एक के बीच बिछाई जाना है। इसमें मौजूदा स्टेशन बिल्डिंग भी बाधक बनी हुई है, जिसे तोड़कर नई बिल्डिंग बनाई जाएगी।
केंद्र सरकार ने लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल किया है। उसके तहत भी पश्चिम रेलवे का रतलाम रेल मंडल विकास योजना बना रहा है, ताकि भविष्य के लिए लक्ष्मीबाई नगर को टर्मिनल के रूप में विकसित किया जा सके। दोहरीकरण योजना के नए प्लेटफॉर्म बनने के बाद ट्रेनों को लक्ष्मीबाई नगर से ही ओरिजनेट और टर्मिनेट किया जा सकेगा। इससे इंदौर के मुख्य स्टेशन पर दबाव कम हो सकेगा। इससे इंदौर से नई ट्रेनें शुरू करने में आसानी होगी। आगामी सिंहस्थ में भी इसका फायदा मिलेगा। रेलवे पीआरओ खेमराज मीना के अनुसार दिसंबर अंत तक इंदौर-उज्जैन डबलिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा।