प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ कर रहे हैं हारी सीटों पर मंथन
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन।इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों दल सक्रिय हो गए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका मिला। लेकिन बाद में कांग्रेस को सत्ता से वंचित होना पड़ा। इस बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ऐसी सीटों पर मंथन कर रहे हैं जहां कांग्रेस को काफी समय से पराजय का सामना करना पड़ रहा है। जबकि कुछ विधानसभा क्षेत्र से हैं जहां पर 5 वर्ष के अंतराल में फेरबदल होता रहता है।
उज्जैन उत्तर विधानसभा क्षेत्र में सन 1990 से लेकर सन 2018 तक भारतीय जनता पार्टी से पारस जैन विधायक निर्वाचित होते आ रहे हैं लेकिन सन 1998 में कांग्रेस से महंत राजेंद्र भारती विजयी हुए थे। इस सीट पर कांग्रेस किसी ऐसे नेता को टिकट देना चाहती है जो कि काफी समय से हो रही हार को जीत में बदल सके। उज्जैन दक्षिण से कई बार कांग्रेस नेता विधायक चुने गए लेकिन 2008 से अभी तक एक बार भी कांग्रेस को सफलता नहीं मिल पाई है।
यहां से दो बार लगातार शिवनारायण जागीरदार विधायक चुने गए और फिर डॉ. मोहन यादव दूसरी बार भी विधायक निर्वाचित हुए। कांग्रेसी नेताओं के बीच भीतरघात और निर्दलीय रूप से चुनाव लडऩे का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा है। इसी प्रकार की स्थिति महिदपुर विधानसभा क्षेत्र की है। विधानसभा क्षेत्र से बहादुरसिंह चौहान कई बार विधायक निर्वाचित हुए जबकि कांग्रेस प्रत्याशियों की जमानत जप्त हो गई।
इसका कारण कांग्रेस के नेताओं का निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहा है। विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेश किसी ऐसे नेता को मौका देना चाहती है जो कांग्रेस के स्थानीय सभी नेताओं को एक जाजम पर ला सके और लगातार हो रही हार को जीत में बदल दे।
घट्टिया विधानसभा क्षेत्र से सन 1998 से लेकर 2018 तक रामलाल मालवीय तीन बार विधायक निर्वाचित हुए जबकि दो बार पराजय का सामना करना पड़ा। जब मालवीय के सामने भाजपा ने घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के बाहर के नेता को प्रत्याशी बनाया तब मालवीय विजयी हुए लेकिन भाजपा ने दो बार स्थानीय लोगों को मौका दिया वहीं दोनों बार कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा।