उज्जैन की अनूठी परंपरा, यहां होता है शिव-पार्वती विवाह का रिसेप्शन
बाबा की बारात में झूमेंगे भक्त, प्रसादी में मिलेगा 56 भोग
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन।मप्र के प्राचीन शहर उज्जैन का नाम बाबा महाकाल के साथ ही कई किवदंतियों और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां परंपराएं ऐसी हैं, जो देश में कहीं दिखाई नहीं देती।
ऐसी ही एक परंपरा है शिवपार्वती विवाह के रिसेप्शन की। महाशिवरात्रि पर्व के बाद महाप्रदोष पर्व में यह आयोजन होता है। 3 मार्च शुक्रवार को महाकाल भक्त मंडल और श्री महाकालेश्वर शयन आरती भक्त परिवार की ओर होने वाला यह आयोजन बहुत खास होता है। इसके लिए बकायदा पत्रिका छपवाकर लोगों को आमंत्रित किया जाता है। 50 हजार से अधिक भक्त 56 पकवानों की प्रसादी ग्रहण करने के लिए जुटेंगे।
अनूठी पत्रिका
रिसेप्शन शहर को आमंत्रण दिया गया है। हर घर से भक्तों को प्रसादी में आने का निमंत्रण हैं। शिव विवाह रिसेप्शन की पत्रिका भी अनूठे अंदाज में छपवाई है। इसमें दर्शनाभिलाषी रिद्धि-सिद्धि, गणेश, कार्तिकेय और स्वागतकर्ता 33 करोड़ देवता व नगरवासी हैं।
चार मिष्ठान के साथ अनेक पकवान….
रिसेप्शन में भक्तों का परोसे जाने वाली क्विंटलों प्रसादी में चार तरह के मिष्ठान के साथ अनेक मीठे- नमकीन आयटम और भोज्य सामग्री होगी।
रिसेप्शन का यह मेन्यू।
नुक्ती-15 क्विंटल
खोपरा पाक-8 क्विंटल
रसगुल्ले- 7 क्विंटल
पुड़ी- 25क्विंटल
सब्जी- 35क्विंटल
नमकीन-8 क्विंटल
पुलाव- 3 क्विंटल
हलवा-4 क्विंटल
इसके अलावा दाल, भजिए,आलू बड़े,लस्सी, आइस्क्रीम, शिकंजी और पान भी होगा।
एकादशी के कारण व्रती भक्तों के लिए 2 क्विंटल फलहारी खिचड़ी भी होगी।
सामग्री का इंतजाम भक्तों के हाथ में
रिसेप्शन की क्विंटलों प्रसादी के लिए सामग्री के इंतजाम भी भक्तो की ओर से किए जाते हैं। आयोजक महेंद्र कटियार,हरीश पाटीदार, चंद्रशेखर वशिष्ठ, राजेश अग्रवाल, आशीष यादव,खेमजी तोमर, शिनारायण बाथम,दिनेश पुजारी का कहना है कि हम कौन होते हैं। सब बाबा महाकाल की कृपा है। ऐसी स्थिति में कौन, क्या दे रहा है,इसका हिसाब-किताब कैसे रख सकते हैं।
होगी लग्न की रस्म
महाकाल भक्त मंडल, महाकालेश्वर शयन आरती भक्त परिवार की ओर से राजाधिराज बाबा महाकाल के भक्तों के सहयोग से प्रति वर्ष अनुसार महाशिवरात्रि पर विवाह के बाद रिसेप्शन का आयोजन शुक्रवार को किया जाएगा। देर रात तक चलने वाले रिसेप्शन अनेक भक्त प्रसाद ग्रहण करेंगे। मंडप में शिव-पार्वती के लग्न की रस्म होगी। इसके पूर्व नगर कोट से भगवान शिव की बारात निकलेगी। बारातियों का स्वागत रुह अफजाह,शिंकजी से होगा। बारात में सिर्फ आमजन ही नहीं बल्कि मप्र सरकार के मंत्री, प्रमुख अखाड़ों के संत-महंत एवं कई वीआईपी भी शामिल होंगे।