सैंपल के बाद लिखाते हैं गलत मोबाइल नंबर और एड्रेस
उज्जैन। जिले में कोरोना से राहत नहीं है। इसकी रफ्तार बनी हुई है। मंगलवार को जिले में 160 पॉजिटिव केस आए, वहीं स्वस्थ होने वालों की संख्या 115 रही है।
हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा मंगलवार को जारी कोविड बुलेटिन के अनुसार उज्जैन जिले में 160 नए मरीज सामने आए हैं। इसमें उज्जैन शहर में 121, उज्जैन ग्रामीण में 01, बडऩगर में 02, महिदपुर मेंं 09, तराना में 18, खाचरौद में 06, घट्टिया में 03 पेशेंट मिले हैं। 2056 टेस्ट किए गए। जिसमें पॉजिटिविटी रेट 7.78 प्रतिशत रहा।
एक्टिव कोविड पेशेंट 1686 है। डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 18, कोविड केयर सेंटर में 09 मरीज भर्ती हैं। होम आइसोलेशन में 1654 मरीज हैं। 115 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। एक खास बात यह भी कि उज्जैन के 05 मरीज अन्य जिलों में भी भर्ती हैं।
मरीज हॉस्पिटल में भर्ती होने से बचने के लिए सैंपलिंग के दौरान अपना मोबाइल नंबर या घर का पता तक गलत दर्ज करवा रहे हैं। ऐसे में उनके संक्रमित पाए जाने पर मरीज का पता लगाने में आरआर टीम को मशक्कत करना पड़ रही है। गुगल मैप के जरिये ढूंढना पड़ा रहा है। इस तरह के मामले सामने आने के बाद अब सैंपलिंग के दौरान मोबाइल नंबर और घर के पते की पुष्टि आधार कार्ड के आधार पर की जा रही है।
अब तक ऐसे करीब 192 मरीज पाए जा चुके हैं, जिन्होंने सैंपलिंग के समय अपना मोबाइल नंबर गलत लिखाया था। लैब से रिपोर्ट आने पर उक्त मरीज के संक्रमित पाए जाने पर उसकी तलाश शुरू की गई। मोबाइल नंबर लगाया तो गलत पाया गया या बंद पाया गया। सैंपलिंग के समय जो पता लिखवाया था वह भी गलत पाया गया। ऐसे में आरआर टीम को साइबर सेल की मदद लेना पड़ी या गुगल मैप से संबंधित मरीज के घर की लोकेशन ट्रेस की गई। उसके बाद मरीज को लक्षणों के आधार पर हॉस्पिटल या होम आइसोलेट किया गया।
नियमों की अनदेखी… जिले में रोज औसतन 100 से 200 मरीज मिल रहे, फिर भी बाजार, सड़कों पर जांच ठप। कोरोना संक्रमण की रफ्तार आज भी पहले जैसी है पर निगरानी और जांच का सरकारी सिस्टम ठप हो चुका है। मरीजों मिलने के बाद भी न तो कंटेनमेंट दिखाई दे रहे हैं और न बिना मास्क के खिलाफ पहले जैसी जांच।