Friday, June 9, 2023
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उज्जैन जिला पढ़ाई के मामले में फिसड्डी

10वीं बोर्ड में 42 वें स्थान पर रहा प्रदेश में

उज्जैन।जिले के शासकीय हाई स्कूलों के परीक्षा परिणामों की बिंदुवार समीक्षा जिला शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही है। बुधवार को जिला शिक्षाधिकारी आनंद शर्मा ने रोष पूर्वक उपस्थित 97 प्राचार्यो से कहा- प्रदेश में उज्जैन जिले की शिक्षा के मामले में कितनी किरकिरी हो रही है,आपको पता है?

उज्जैन जिला प्रदेश में परिणाम को लेकर 42 वे स्थान पर रहा है। इसी के साथ उन्होने 30 प्रतिशत से कम परिणाम देनेवाले 168 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस देने के आदेश जारी किए।

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चर्चा में श्री शर्मा ने बताया कि जिले के कम परीक्षा परिणाम वाले 97 शासकीय स्कूलों के प्राचार्यो की समीक्षा बैठक बुधवार को दो सत्रों में ली। समीक्षा में पासलोद,बालक नागदा एवं भटपचलाना, काठबड़ोदा के प्राचार्य अनुपस्थित रहे, जिनके विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की गई।

जिलाधिक्षाधिकारी के प्रश्न पर चुप्पी साध ली प्राचार्यो नें…

इस प्रकार के तर्क सुनने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने प्राचार्यो से पूछा कि आपके द्वारा जो उत्तर दिए जा रहे है वे सभी जिलों में भी थे, तो हम 42 वे नम्बर पर क्यो रहे ? जबकि विद्यालयो में पर्याप्त संख्या में शिक्षक थे। हमने अपने मेनेजमेंट को सही नही किया एवं योजना का अभाव रहा ।

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अपनी गलती स्वीकारें प्राचार्य……बैठक में एडीपीसी गिरीश तिवारी ने कहा कि हमे इतने न्यून परिणाम पर गलती स्वीकार करना चाहिए। खामी का पुनरावलोकन कर भविष्य में ऐसा न हो, इसका ध्यान रखना होगा ।

विषयवार परिणाम जिन शिक्षको का 30 प्रतिशत से कम रहा, उनके विरुध्द कार्यवाही हेतु जिले पर प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं । बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी से लिखित में जवाब लिया। जिले के औसत 46 प्रतिशत से कम परिणाम प्राप्त 168 स्कुलो को शोकाज नोटिस जारी किया।

परीक्षा परिणाम फिसड्डी रहने के ये कारण बताए….

विद्यार्थियों को कम उपस्थिति रही।

शिक्षको द्वारा गृह सम्पर्क कर विद्यालय में बुलाने के प्रयास में कमी रही।

पालकों द्वारा अपने विद्यार्थियों को कोविड के कारण विद्यालय में नही भेजना एक कारण रहा, क्योकि पालको की सहमति आवश्यक थी ।

शिक्षको की वेक्सीनेशन में ड्यूटी लगातार लगाई गई।

परीक्षा के पूर्व विद्यालय कोविड के कारण बन्द होना एवं खुलने के कुछ ही दिनों में परीक्षा होना एक कारण रहा।

विद्यार्थी यह सोच कर निश्चिंत थे कि इस वर्ष भी जनरल प्रमोशन होगा।

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