ब्याज चुकाया, मूल ऋण की राशि बकाया
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:पुराने कर्ज का ब्याज चुकने के बाद भी बाद भी बड़ी संख्या में किसान डिफॉल्टर है। अकेल उज्जैन में ऐसे किसानों की संख्या 27 हजार से अधिक है।
हाल ही में राज्य सरकार ने डिफॉल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज भरा है। यह पैसा पैक्स सोसायटी के पास राज्य सरकार की अंशपूंजी के तौर पर गया। सहकारिता विभाग के सूत्रों का कहना है कि ब्याज भरने की स्कीम आने के बाद बड़ी संख्या में डिफॉल्टर किसानों ने फॉर्म भरा था, जिनका ब्याज माफ हो गया। यह स्कीम नवंबर 2023 तक है, इसलिए अभी भी आवेदन पैक्स सोसायटी को मिल रहे हैं।
बहरहाल स्थिति तो यह है कि अनेक ऐसे किसान है,जो पुराने कर्ज का ब्याज चुकने के बाद भी मूल ऋण के बकाया होने के कारण डिफॉल्टर है। हालांकि अच्छी बात यह है कि सरकार द्वारा किसानों के ब्याज चुकने के बाद किसानों की केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) की जितनी लिमिट बढ़ेगी। किसान की जितनी केसीसी लिमिट बढ़ेगी,उन्हें उतना नया कर्ज मिल मिलेगा।
ब्याज का पैसा न पैक्स के पास गया,ना ही बैंकों को मिला
राज्य सरकार से अंशपूंजी के रूप में जो ब्याज के रुपए पैक्स (प्राथमिक साख सहकारी समितियां) को मिले, उससे मार्कफेड और अपेक्स बैंक ने कर्ज की भरपाई कर ली। पैसा पैक्स से जिला सहकारी बैंकों में बुलवा लिया। उसके बाद कर्ज की भरपाई करवा ली गई। साफ है कि ब्याज का पैसा न पैक्स के पास गया और न ही बैंकों को मिला। डिफॉल्टर किसान का ब्याज जरूर पैक्स में शून्य हो गया।