मामला: सरदारपुरा क्षेत्र में मकानों को तोडऩे का…
उज्जैन। नगर निगम ने पुलिस की मदद सेे सरदारपुरा में एक चाल को ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई एक गुंडे का मकान तोडऩे की आड़ में की गई। मकान बदमाश का नहीं था। उसका परिवार भी अन्य लोगों के साथ चार दशक से किराए से रह रहा था। चार परिवार बेघर हो गए। मदद की गुहार लगाते रहे, पर एक भी जनप्रतिनिधि खुलकर मौके पर प्रभावितों के पक्ष में खड़ा नहीं हुआ। हालांकि बातचीत करने में मदद करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हंै।
प्रभावितों ने जमीन मालिक को लाभ पहुंचाने की आड़ में कार्रवाई के आरोप लगे तो जिम्मेदार भवन जर्जर होने का हवाला देकर बचने का प्रयास करते नजर आए, वहीं एक भी जनप्रतिनिधि ने प्रभावितों के साथ खुलकर खड़े होने की जहमत नहीं ली। प्रभावितों का कहना है कि उन्होंनें बेघर होने की दुहाई देते हुए कार्रवाई रोकने की विनती की, लेकिन पुलिस और नगर निगम ने एक नहीं सूनी उनकी मदद के लिए क्षेत्र का कोई नेता भी नहीं आया। चाल में जिनके घर टूटे है, उनका कहना है कि पुलिस प्रशासन गुंडों पर अंकुश के लिए मकान तोड़ रहा है, इसका कोई विरोध नहीं है, पर मुहिम की आड़ में मनमानी कर बेकसूरों को प्रताडि़त किया जा रहा है। भला हो कलेक्टर का जो हम गरीबों की सुध ली। मुहिम की आड़ में जमीन को खाली करने के लिए निगम ने उन्हें सामान बाहर निकालने का मौका नहीं दिया जेसीबी चला दी। लोगों का कहना है कि यदि कोई एक जनप्रतिनिधि यहां आ जाते तो शायद उनके घर टूटने से बच जाते। नेताओं की खामोशी से पूरी मुहिम और उनकी सक्रियता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
क्षेत्र में राजनीति करने वालों ने फोन अटेंड नहीं किए
प्रभावितों के अनुसार उन्हें तत्काल राजनीतिक तौर पर कोई मदद नहीं मिली। इस संबंध में सरदारपुरा क्षेत्र में सक्रिय और पूर्व निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया, लेकिन पूर्व पार्षद योगेश्वरी राठौर, रेखा गेहलोत, कांगेस के चेतन यादव के साथ अन्य जनप्रतिनिधियों से संपर्क किया, लेकिन इन नेताओं ने फोन ही अटेंड नहीं किए।
इनका कहना
ऐसा नहीं है कि इस संबंध में बात नहीं की। पूर्व में जब यह लोग मेरे पास आए थे, तब सभी को न्यायालय में आवेदन की सलाह देकर हरसंभव मदद का कहा था। कल जब कार्रवाई हो गई, तब जानकारी लगी। संगठन स्तर पर इस संबंध में बात रखने के साथ अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई बात रखी है।
सत्यनारायण चौहान,
पूर्व पार्षद।
कांग्रेस प्रभावितों के साथ है। निगम के कतिपय अधिकारी भूमाफियों के हाथों में खेल रहे हैं। सरदारपुरा घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन के अधिकारियों से बात की है। अभी बाहर हूं। उज्जैन आकर प्रभावितों को न्याय दिलाने के लिए उचित कदम लेंगे।
डॉ. बटुकशंकर जोशी, पूर्व विधायक।
कोई नेता क्या बोलेगा। जनता के हितों की जिनके पास जिम्मेदारी है, वे अब अपनी जेब भरने के इंतजाम करने में लगे हैं।। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण यह कार्रवाई है। ऐसा करने वालों को सबक और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होना चाहिए।
विवेक यादव,वरिष्ठ नेता।