उज्जैन : तहसीलदार का कहना- उपचार देना गलत नहीं सीएमएचओ बोले- घर पर उपचार देना अपराध

By AV NEWS

होम आइसोलेशन में उपचार देने का मामला उलझा

अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। घर में परिचित महिला को उपचार देने वाले निजी अस्पताल के कर्मचारी को लेकर मामला उलझा गया है। तहसीलदार गांव से किसी व्यक्ति को अपने घर में लाकर इलाज करने को अपराध नहीं मान रहे है। वहीं सीएमएचओ इसे अपराध बता रहे हैं। तत्काल एफआईआर करने वाली माधवनगर पुलिस घटना के 24 घंटे बाद भी एफआईआर के लिए प्रतिवेदन का इंतजार कर रही है।

तहसीलदार अभिषेक शर्मा के अनुसार निजी अस्पताल का कर्मचारी रविंद्र सिंह ऋषि नगर स्थित अपने घर पर खाचरौद से परिचित महिला को लाया था और उसका उपचार कर रहा था। यह शिकायत स्थानीय कॉलोनी के लोगों ने पुलिस और प्रशासन से की थी। सूचना पर वे मौके पर पहुंचे और जांच की। इस दौरान घर में एक महिला मिली, जिसका उपचार किया जा रहा था। साथ ही उसे देने के लिए सिलेंडर भी लाने वाला ऑटो चालक मिला था। मकान में रहने वाले रविन्द्र सिंह निजी अस्पताल में कर्मचारी है। उससे पूछताछ की गई तो पता चला कि रविन्द्र की पत्नी मनीषा ठाकुर स्वास्थ्य विभाग में एएनएम है और टीकाकरण में ड्यूटी लगी है।

मकान में खाचरौद के कनवास निवासी प्रेमकुंवर नामक कोरोना मरीज का उपचार चल रहा था। रहवासियों के बयान लेकर आरआरटी से जांच कराई गई जिसमें आरआरटीम के सदस्यों ने तहसीलदार शर्मा को बताया कि होम आइसोलेशन में रहकर घर में स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं, लेकिन इसकी सूचना प्रशासन या आरआरटी को देना जरूरी है। तहसीलदार शर्मा ने मामले में पंचनामा बनाया है। माधव नगर टीआई मनीष लोधा ने बताया कि तहसीलदार द्वारा की गई जांच का प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद मामले में प्रकरण दर्ज किया जायेगा। घटना के 24 घंटे बाद सीएमएचओ महावीर खंडेलवाल का कहना है कि कार्यवाही प्रशासन ने की है। प्रकरण भी वही दर्ज कराएगा। कोई भी व्यक्ति इस तरह से घर में किसी को भी लाकर आइसोलेशन में नहीं रख सकता है। यह अपराध की श्रेणी में आता है। इस मामले में स्थानीय निवासी रोबिन चौपड़ा समेत कई लोगों का आरोप था कि रविंद्र ने घर को अस्पताल की शक्ल दे दी थी। उसके यहां 15 दिनों से लगातार मरीज उपचार के लिए आ रहे थे। साथ ही ऑक्सीजन की सिलेंडर भी लाए जा रहे थे।

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