हाउसिंग बोर्ड ने बनाई योजना आठ मंजिला होगी इमारत….
अक्षरविश्व. उज्जैन।महाकाल नगरी में दूसरी सबसे बड़ी हाईराइज बिल्डिंग बनाई जाएगी। इसे हाउसिंग बोर्ड इंदौर रोड पर प्रस्तावित शिवांगी परिसर में बनाएगा। इसमें कमर्शियल और रेसिडेंशियल फ्लैट बनाए जाएंगे। यह आठ मंजिला होगी। बोर्ड ने योजना के 29 मकानों की बुकिंग शुरू कर दी है। अगले चरणों में बोर्ड इसी योजना में 109 मकान और बनाएगा।
इंदौर रोड पर इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने गोयलाखुर्द की करीब तीन हेक्टेयर जमीन पर शिवांगी परिसर के नाम से यह योजना आकार लेगी। फिलहाल 30 करोड़ की योजना के लिए टेंडर लगा दिया गया है। निर्माण एजेंसी तय होने के बाद बुक मकानों का निर्माण शुरू होगा।
मुख्य रोड के पास हाईराइज आठ मंजिला हाईराइज बिल्डिंग बनाने की योजना है। इसके लिए कमर्शियल आर्किटेक्ट की सेवा ली जाएगी। वर्तमान में नानाखेड़ा क्षेत्र में इंदौर रोड पर ही शहर की सबसे बड़ी हाईराइज बिल्डिंग है, जो 12 मंजिला है। फिलहाल 22 ईडब्ल्यूएस और 7 एलआईजी मकानों के लिए बुकिंग की जा रही है। 17 अप्रैल तक इसके लिए आवेदन फॉर्म जमा किए जा सकते हैं। बाकी के 109 मकानों की बुकिंग बाद में होगी।
प्रोजेक्ट : वन क्लिक
2.8 हेक्टेयर जमीन आकार लेगी योजना।
138 मकान अलग अलग साइज के बनेंगे।
29 मकानों के लिए अभी आवेदन फॉर्म हो रहे जमा।
109 मकान बाद में बोर्ड बनाएगा।
22 ईडब्ल्यूएस और 7 एलआईजी मकानों का हो रहा रजिस्ट्रेशन।
16 से 62 लाख कीमत के फ्री होल्ड मकान खुद हाउसिंग बोर्ड बनाएगा।
17 अप्रैल तक ऑनलाइन जमा होंगे पंजीयन फॉर्म।
योजना के मकान और कीमत
इडब्ल्यूएस केटेगरी के 22 मकान, प्लॉट साइज 4 गुना 10 मीटर। कीमत 16 लाख, पंजीयन राशि 1.44 लाख।
एलआइजी के 7 मकान, प्लॉट साइज 6 गुना 12 वर्ग मीटर। कीमत 29.50 लाख, पंजीयन राशि 2.65 लाख।
एमआइजी ए के 47 मकान, प्लॉट साइज 7.50 गुना 15.00 वर्ग मीटर, कीमत 62 लाख, पंजीयन राशि 5.58 लाख।
एमआइजी बी 1 के 12 मकान, प्लॉट साइज 7.50 गुना 12 वर्ग मीटर, कीमत 56 लाख, पंजीयन राशि 5.04 लाख।
योजना पुरानी…लेकिन आकार लेगी 20 साल बाद…
योजना बहुत पुरानी है लेकिन कानूनी विवाद के कारण 20 साल बाद आकार ले रही।
2007 में यह योजना प्रस्तावित हुई थी।
17 साल पहले राजस्व विभाग ने 4.19 हेक्टेयर जमीन हाउसिंग बोर्ड को आवंटित की थी।
मुआवजे के कारण हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट तक मामला पहुंचा।
2008 में बोर्ड के पक्ष में कोर्ट का फैसला हुआ।
जून 2019 में बोर्ड को जमीन पर कब्जा मिल सका।
2.8 हैक्टेयर जमीन पर शिवांगी परिसर बन रहा।