कलेक्टर को ज्ञापन, बोले- हमारा काम मरीज की देखभाल करना इलाज करने वाले ऐलोपैथी डॉक्टरों पर दर्ज किया जाए प्रकरण
युवक की मौत पर आयुष डॉक्टर शर्मा पर हुआ है प्रकरण दर्ज
उज्जैन। देशमुख हॉस्पिटल में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई एक अभिभाषक के पुत्र की मृत्यु के मामले में पुलिस ने देशमुख हॉस्पिटल के संचालक डॉ. देशमुख एवं एक आयुष चिकित्सक डॉ. सुरेश शर्मा के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज किया था। इस मामले में नया मोड़ आ गया है।
आयुष चिकित्सक महासंघ के बेनरतले शहर के विभिन्न प्रायवेट हॉस्पिटल्स में कार्यरत आयुष चिकित्सकों ने कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा है। जिसमें मांग की कि जिन चिकित्सकों ने युवक का उपचार किया उनके खिलाफ दर्ज किया जाए प्रकरण। डॉ. सुरेश शर्मा तो सहायक थे तथा वे दिए गए उपचार के पर्चे अनुसार दवाइयां दे रहे थे। आयुष चिकित्सकों के अनुसार यदि प्रकरण वापस नहीं लिया गया तो जोरदार आंदोलन किया जाएगा।
डॉ. बालाराम गुप्ता ने बताया कि शहर के एक अभिभाषक के पुत्र को देशमुख हॉस्पिटल में उपचार के लिए भर्ती किया गया था। यहां युवक की मौत हो गई थी। अभिभाषक द्वारा इस मामले में न्यायालय की शरण लेने के बाद पुलिस ने विवेचना की और डॉ. देशमुख तथा आयुष चिकित्सक डॉ. सुरेश शर्मा के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज कर लिया था। इस सिलसिले में गुरुवार शाम को आयुष चिकित्सक संघ के बैनरतले शहर के प्रायवेट हॉस्पिटल्स में कार्यरत आयुष चिकित्सकों ने कोठी महल पहुंचकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौपा।
इस अवसर पर डॉ. रामनारायण, डॉ. सुनील शर्मा, डॉ. पंकज जैन, डॉ. सुमतिसिंह, डॉ. विजय चौहान, डॉ. प्रतीक, डॉ. शाहिद खान, डॉ. नेहा सोलंकी, डॉ. बीके मालवीय, डॉ. तारीक खान, डॉ. मेहरबान सोलंकी, डॉ. तोसिफ, डॉ. पंकज पाटीदार, डॉ. अंकित मीना, डॉ. विशाल सोलंकी, डॉ. सतीश, डॉ. सुनील नागर, डॉ. फरहान खान, डॉ. विजय पाटील, डॉ. राजकुमार, डॉ. अभिषेक सोनी, डॉ. पदमसिंह, डॉ. गौरव कक्कड़, डॉ. सरफराज नवाब आदि भी उपस्थित थे। इन्होंने संयुक्त रूप से मांग की कि युवक का उपचार जिन चिकित्सकों (एलोपैथी के पीजी डॉक्टर्स) ने किया था, यदि उन्होंने उपचार में लापरवाही बरती थी तो उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज हो। विवेचना में पुलिस ने यह नहीं देखा कि उपचार कौन कर रहा था? डॉ. देशमुख एवं उनके यहां सेवा दे रहे पीजी डॉक्टर्स, जिन्होंने उपचार लिखा, डॉ. सुरेश शर्मा तो केवल उसका पालन कर रहे थे सहायक के रूप में।