उज्जैन।नौ दिनों तक माता दुर्गा की आराधना, गरबा के बाद आज महानवमी के अवसर पर शहर में विभिन्न स्थानों और देवी मंदिरों में कन्या पूजन, हवन और भंडारे के कार्यक्रम हो रहे हैं। घरों और सार्वजनिक पंडालों में स्थापित दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाना है इसको लेकर नगर निगम और पुलिस द्वारा तैयारियां की गई हैं।
नवरात्रि महापर्व के दौरान लोगों ने उपवास, विशेष पूजन अर्चन, गरबा आदि के माध्यम से नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की। कोरोना संक्रमण के बाद यह पहला अवसर रहा जब देवी मंदिरों में बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर दर्शन पूजन किये वहीं कुछ स्थानों पर कोरोना गाइड लाइन के अनुरूप गरबों के कार्यक्रम भी हुए और सार्वजनिक मंडलों द्वारा माताजी की प्रतिमाएं भी स्थापित की थीं। सुबह से गली मोहल्लों और मंदिरों में कन्या पूजन और भोज के आयोजन शुरू हुए। शाम को हवन और पूर्णाहूति के बाद माताजी की प्रतिमाओं का विसर्जन नदी और सरोवरों में किया जायेगा। इसके लिये नगर निगम और पुलिस प्रशासन द्वारा तैयारियां की गई हैं। नगर निगम द्वारा शिप्रा नदी के घाटों पर आयशर वाहन खड़े करने के साथ कंट्रोल रूम बनाकर कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। अफसरों ने बताया कि नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन प्रतिबंधित है।
नदी में प्रतिमा विसर्जन पर प्रतिबंध नगर निगम ने घाटों पर वाहन खड़े किये
दशहरे पर दहन के लिये बन रहे रावण के पुतले
शहर में परंपरागत रूप से दशहरा पर्व पर रावण दहन का आयोजन दशहरा मैदान और शिप्रा नदी के कार्तिक मेला ग्राउण्ड में होता है। कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक शासन द्वारा रावण दहन कार्यक्रम आयोजन की अनुमति दी गई है। इसी के चलते दशहरा मैदान और कार्तिक मेला ग्राउण्ड पर रावण के पुतले बनाने का काम चल रहा है।