उज्जैन में तीन थाना प्रभारियों की विवादित कार्यवाही से पुलिस की किरकिरी
उज्जैन। पिछले एक सप्ताह में तीन थानों के प्रभारियों द्वारा की गई कार्रवाई से पुलिस की किरकिरी हो रही है। लोगों का कहना है कि थाने के अफसरों की जा रही मनमानी से फरियादियों को इंसाफ नहीं मिल रहा और लोग परेशान हो रहे हैं।
आरोपी को पकड़कर थाने में कराया समझौता: चिमनगंज पुलिस ने कुछ दिनों पहले आगर रोड आरडी गार्डी के पास फर्नीचर की दुकान संचालित करने वाले व्यापारी द्वारा लाखों रुपयों की हेराफेरी कर शहर से लापता होने पर धारा 420 की कायमी की गई। मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया, लेकिन उसे कोर्ट में पेश न करते हुए पहले शिकायतकर्ताओं से रूबरू कराया गया। थाने में ही आरोपी ने रिपोर्ट दर्ज कराने वालों से समझौता किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के दो दिन बाद पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी दिखाई और टीआई ने कोर्ट में पेश करने की बात कही लेकिन इसी आरोपी ने जिन लोगों के रुपये नहीं लौटाये उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिये।
बिना जांच के तोड़ दिए मकान
सरदारपुरा में नगर निगम द्वारा देवासगेट पुलिस थाना प्रभारी की जानकारी को आधार बनाकर नन्नू यादव नामक बदमाश के मकान को तोड़ दिया। खास बात यह है कि यह मकान नन्नू यादव का था ही नहीं। नगर निगम ने बिना जांच के ही मकान को तोड़ दिया। नियमानुसार जिस बदमाश के आपराधिक रिकॉर्ड हैं उसके नाम से मकान या अन्य संपत्ति होना चाहिये न कि परिजनों के नाम से। पुलिस उसी मकान को तोड़ती है। देवासगेट थाना प्रभारी ने नन्नू के दादा के नाम से किराये के मकान की जानकारी नगर निगम को दी और निगम ने उसे तोड़ दिया। उक्त मकान के साथ चार अन्य गरीबों के मकान भी जमींदोज करा दिये गये। यहां के रहवासियों ने टीआई पर भ्रष्टाचार के खुलकर आरोप लगाये जिससे विभाग के अफसरों को लोगों की निंदा का सामना करना पड़ा।
इनका कहना
थाने में समझौता अथवा ट्रैक्टर चोरी के मामले से संबंधित शिकायत संज्ञान में नहीं आई है, मामले में यदि शिकायत मिलती है तो जांच कराई जायेगी।
अमरेन्द्र सिंह, एएसपी
ट्रैक्टर चोरों को बना दिया लूट की योजना का आरोपी
महाकाल पुलिस ने ट्रेक्टर चोरों और चोरी के पाट्र्स खरीदने वालों को हिरासत में लिया। एक दर्जन से अधिक बदमाश थाने तक पहुंचे जिनमें से मात्र 5 बदमाशों लूट की योजना बनाते समय गिरफतारी दर्शाकर पुलिस ने कोर्ट में पेश कर दिया। बाकि के आरोपी कहां गये किसी को नहीं पता। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच करने वाले अधिकारी ने चोरी के ट्रेक्टर पाट्र्स करने वालों से खास बातचीत के चलते छोडा गया जबकि जिन बदमाशों से बातचीत नहीं हुई उन्हें लूट की योजना का आरोपी बनाकर कोर्ट में पेश किया गया है।