उज्जैन : मंगलनाथ मंदिर में लाखों की आय और कंप्यूटराइज्ड रसीद सिस्टम बंद
कंप्यूटरीकृत सिस्टम लागू होने के बाद हटा, वापस शुरू नहीं…
5 साल पहले पकड़ाया था 1.37 लाख रुपए का गबन
अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:विश्व प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर में लाखों रूपए की आय हर माह होने के बाद भी बंद कंप्यूटराइज्ड रसीद काउंटर शुरू नहीं हो पा रहा। भक्तों को हाथ से ही रसीदें काटकर दी जा रही। अब तक कंप्यूटरीकृत प्रणाली से रसीदें जारी नहीं हो पा रहीं। पांच साल पहले मंदिर की राशि में हेराफेरी का बड़ा मामला तत्कालीन कलेक्टर मनीषसिंह ने पकड़ा था, इसलिए आधुनिक व्यवस्था की जरूरत भक्तों द्वारा अनुभव की जा रही।
मंगलनाथ मंदिर में हर मंगलवार को भक्त भात पूजन कराने आते हैं, जिससे मंदिर प्रबंधन को अच्छी आय होती है। मंदिर में दो साल पहले कंप्यूटराइज्ड रसीद काउंटर शुरू किया गया था, जो अब बंद हो चुका है। दर्शनार्थियों की हाथ से ही रसीदें काटकर दी जा रही हैं, जबकि मंदिर में प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों को लाखों रुपए का वेतन दिया जा रहा है।
2018 में मंदिर के तत्कालीन प्रशासक त्रिलोकविजय सक्सेना को हेराफेरी के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तत्कालीन कलेक्टर मनीषसिंह ने स्वयं सक्सेना की जेब से 1.37 लाख रुपए पकड़े थे और तत्काल पद से हटा कर पुलिस के हवाले किया था। इस कारण मंदिर में पारदर्शी और आधुनिक व्यवस्था लागू होना जरूरी माना जा रहा।
पिछले माह 22 लाख रुपयों से अधिक की आय
पिछले माह मई में मंदिर समिति को भात पूजन तथा अन्य पूजनों से 22 लाख 82 हजार 250 रुपए की आय हुई है। हर माह मंदिर समिति को अच्छी आय हो रही है। बीते मंगलवार को भी मंदिर में अच्छी राशि आई। इसलिए आधुनिक रसीद काउंटर की मांग भक्तों द्वारा की जा रही है।
कंप्यूटराइज्ड रसीद काउंटर बंद क्यों?
27 जनवरी 2020 को मंदिर में कंप्यूटराइज्ड रसीद काउंटर शुरू किया गया था।
पहले दिन ही 59 दर्शनार्थियों ने इससे रसीद कटवाई थी।
सात दिनों में 600 दर्शनार्थियों ने रसीदें कटवाई थीं।
यह काउंटर बंद क्यों, इसका जवाब संभवत: अधिकारियों के पास भी नहीं।
मंदिर प्रबंधक से इस बारे में अधिकारियों द्वारा पूछताछ नहीं न कार्रवाई।
दोबारा शुरू कराने का प्रयास
कंप्यूटराइज्ड रसीद काउंटर को वापस चालू कराने का प्रयास कर रहे हैं। अभी दर्शनार्थियों को हाथ से ही रसीदें काटकर दी जा रही हैं
रसीद काउंटर लगा था
यह सही है कि कुछ समय पहले कंप्यूटराइज्ड रसीद काउंटर शुरू किया गया था, लेकिन क्यों बंद हुआ पता नहीं। महंत राजेंद्र भारती, गादीपति मंगलनाथ मंदिर