भवन अधिकारी पीयूष भार्गव बोले- सिर्फ एक का मकान ठीक करके देंगे, बाकी सब झूठ बोल रहे हैं
उज्जैन। नगर निगम और पुलिस अफसरों में तालमेल की कमी के कारण सरदारपुरा स्थित चाल के मकानों को तोड़ दिया गया था। कलेक्टर के निर्देश पर उक्त मकानों को फिर से बनाकर लोगों को देने का काम नगर निगम ने शुरू कराया जिसमें सीमेंट और गिट्टी चूरी नगर निगम ने खरीदी। जबकि ईंटें मलबे से उठाकर मिस्त्री दीवार बना रहे हैं।
चाल के रहवासियों ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश के बाद नगर निगम के अधिकारी बुधवार को चाल में आए थे। यहां उन्होंने सिर्फ एक महिला का मकान बनाने की बात कही थी। मलबा हटाने के बाद आज सुबह से दीवार बनाने का काम शुरू हुआ। जिसमें नगर निगम द्वारा सीमेंट और गिट्टी यहां मंगाकर मिस्त्री व मजदूरों से काम कराया जा रहा है, जबकि ईटें मलबे के ढेर से उठाकर दीवार बनाई जा रही है। रहवासियों के अनुसार 6 लोगों के मकान तोड़े गये जिनमें से सिर्फ एक महिला का मकान बनाया जा रहा है बाकि लोगों का क्या होगा। इसको लेकर सांसद से मिलेंगे।
सिर्फ एक महिला का मकान बनेगा, दूसरे का टूटा ही नहीं
नगर निगम के भवन अधिकारी पीयूष भार्गव ने बताया कि सिर्फ भागवंताबाई का मकान टूटा था। उसे फिर से बनाने का काम शुरू करवा दिया है। दूसरे किसी व्यक्ति का मकान टूटा ही नहीं। लोग भ्रामक जानकारी दे रहे हैं। भार्गव ने बताया कि जिस दिन मकान टूटा उस दिन में मौके पर मौजूद नहीं था। पुलिस या अन्य की गलती से दूसरा मकान टूटा था जिसकी जानकारी मुझे नहीं है। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी ही सही जवाब दे सकते हैं।
भवन अधिकारी पर कार्रवाई निगम अफसरों का मामला
मामले में एसपी सत्येन्द्र शुक्ल ने बताया कि जिस बदमाश का मकान तोडऩा था उसकी पूरी जानकारी नगर निगम को दी गई थी। मकान तोडऩे के दौरान मौके पर मौजूद पुलिस फोर्स अपनी ड्यूटी कर रहा था। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं लगी कि बदमाश के अलावा दूसरे लोगों के मकान भी तोड़े जा रहे हैं। मामला सामने आते ही कलेक्टर को अवगत कराया गया। नगर निगम और पुलिस में तालमेल था। भवन अधिकारी पीयूष भार्गव की गलती पर एसपी शुक्ल ने कहा कि उनकी गलती अथवा कार्रवाई के संबंध में नगर निगम अफसर निर्णय लेंगे।