उज्जैन-योगेश्वर टेकरी : बैठने की व्यवस्था नहीं, सीढिय़ां टूटी

उज्जैन।योगेश्वर टेकरी के रूप में शहर में प्राकृतिक सौंदर्य है, लेकिन प्रशासन और नगर निगम इसे संवार नहीं पा रहा। सिहंस्थ में इसके सौंदर्यीकरण पर 25 लाख रुपए खर्च भी किए गए, परंतु इसकी व्यवस्थाएं चौपट ही नजर आ रही हैं। शहर के मध्य होने के बावजूद यह टेकरी पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित नहीं हो पा रही।

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योगेश्वर टेकरी यूं तो करीब 7.50 बीघा क्षेत्र में फैली हुई है किंतु अतिक्रमण के कारण महज 4 बीघा ही बची है। यह शहर की सबसे ऊंची टेकरी है, जहां से प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है। रविवार व अन्य छुट्टियों के दिन यह पर्यटन का बेहतर केंद्र बन सकता है लेकिन जनप्रतिनिधियों की सुस्ती और प्रशासन की अनदेखी से यह टेकरी पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित नहीं हो पा रही।

सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण रात के समय टेकरी लावारिस रहती है। इससे असामाजिक तत्वों का डेरा लगता है। टेकरी पर लाईटें तो लगी हैं, लेकिन वे भी आए दिन बंद रहती हैं। टेकरी पर चढऩे वाले रास्ते बदहाल हो रहे हैं। कहीं सीमेंट कांक्रीट में दरार है तो कहीं कबाड़ रखा है। लोगों के बैठने के लिए लगी फर्शियां भी टूट रही हैं।
सर्वे होकर रह गया
सिंहस्थ के पूर्व टेकरी के अतिक्रमण का सर्वे करने के निर्देश दिए थे। इस पर सर्वे भी हुआ, लेकिन अतिक्रमण हटाने का मामला अधर में ही रह गया। स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का सपना देखा जा रहा है तो दूसरी ओर पर्यटन केंद्र के स्थल इस टेकरी पर स्लम बस्ती भी विकसित हो रही है।

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