40 लाख रुपए का घर खरीदने पर देना होगा 7.2 लाख रुपए तक टैक्स
उज्जैन।यदि आप 40 लाख रु. का घर खरीद रहे है,तो आपको 7.2 लाख रुपए तक टैक्स देना होगा। ऐसा जीएसटी में बढ़ोतरी के बाद प्रॉपर्टी महंगी होने के कारण हुआ हैं।
जानकारों के अनुसार अब तक सरकारी विभाग के समान सरकारी नियंत्रण वाले प्राधिकरण, बोर्ड, कंपनियों को भी कांट्रेक्ट सर्विसेज पर 12 प्रतिशत टैक्स लग रहा था। अब जीएसटी काउंसिल ने अपने नोटिफिकेशन 11 की 3 नंबर की इंट्री में बदलाव किया है। बोर्ड, प्राधिकरण, कंपनियों को इससे बाहर कर दिया गया है।
अब इन सभी के लिए कॉन्ट्रैक्ट सेवाएं दे रहे कॉन्ट्रैक्टर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। जीएसटी काउंसिल ने प्रॉपर्टी पर टैक्स में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी हैं। प्राधिकरण, स्मार्ट सिटी और हाउसिंग बोर्ड से प्रॉपर्टी खरीदने पर 18 फीसदी टैक्स देना होगा।
सरकारी प्राधिकरण, बोर्ड और स्मार्ट सिटी जैसी कंपनियों द्वारा अलग-अलग शहरों में बनाए जा रहे मकान, फ्लैट, दुकान और ऑफिस स्पेस खरीदना महंगा हो गया है।
दरअसल, जीएसटी काउंसिल ने इन एजेंसियों द्वारा तैयार किए जाने वाली किसी भी तरह की प्रॉपर्टी पर जीएसटी 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18प्रतिशत कर दिया है। यह बढ़ोतरी 1 जनवरी से लागू मान ली गई है।
पांच साल पहले किस वस्तु पर कितना टैक्स लगाने के लिए जारी नोटिफिकेशन 11 और टैक्स में छूट के दायरे में आने वाली वस्तु और सेवाओं के नोटिफिकेशन 12 में व्यापक संशोधन कर लिए हैं। विभाग का कहना है कि सरकार के नियंत्रण वाले हाउसिंग बोर्ड और विकास प्राधिकरणों को सरकारी विभागों के साथ 12 प्रतिशत के दायरे में रखा गया था। अब इन्हें हटा लिया गया है।
कितना असर पड़ेगा
यूडीए से 40 लाख रुपए का घर खरीदने पर 12 प्रतिशत की दर से पिछले साल तक 4.8 लाख रुपए जीएसटी देना पड़ रहा था। लेकिन इस साल घर खरीदने वाले को 18 प्रतिशत की दर से 7.2 लाख रुपए तक टैक्स देना पड़ेगा।
यानी 2.4 लाख रुपए तक ज्यादा। प्रदेश में हाउसिंग बोर्ड के चल रहे 50 से ज्यादा प्रोजेक्ट के मकान और दुकान महंगे होंगे, भोपाल और इंदौर,उज्जैन की स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बन रहे मकान भी महंगे होंगे।
रण, बोर्ड, कंपनियों को भी कांट्रेक्ट सर्विसेज पर 12 प्रतिशत टैक्स लग रहा था। अब जीएसटी काउंसिल ने अपने नोटिफिकेशन 11 की 3 नंबर की इंट्री में बदलाव किया है। बोर्ड, प्राधिकरण, कंपनियों को इससे बाहर कर दिया गया है। अब इन सभी के लिए कॉन्ट्रैक्ट सेवाएं दे रहे कॉन्ट्रैक्टर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
जीएसटी काउंसिल ने प्रॉपर्टी पर टैक्स में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी हैं। प्राधिकरण, स्मार्ट सिटी और हाउसिंग बोर्ड से प्रॉपर्टी खरीदने पर 18 फीसदी टैक्स देना होगा। सरकारी प्राधिकरण, बोर्ड और स्मार्ट सिटी जैसी कंपनियों द्वारा अलग-अलग शहरों में बनाए जा रहे मकान, फ्लैट, दुकान और ऑफिस स्पेस खरीदना महंगा हो गया है।
दरअसल, जीएसटी काउंसिल ने इन एजेंसियों द्वारा तैयार किए जाने वाली किसी भी तरह की प्रॉपर्टी पर जीएसटी 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18प्रतिशत कर दिया है। यह बढ़ोतरी 1 जनवरी से लागू मान ली गई है। पांच साल पहले किस वस्तु पर कितना टैक्स लगाने के लिए जारी नोटिफिकेशन 11 और टैक्स में छूट के दायरे में आने वाली वस्तु और सेवाओं के नोटिफिकेशन 12 में व्यापक संशोधन कर लिए हैं। विभाग का कहना है कि सरकार के नियंत्रण वाले हाउसिंग बोर्ड और विकास प्राधिकरणों को सरकारी विभागों के साथ 12 प्रतिशत के दायरे में रखा गया था। अब इन्हें हटा लिया गया है।
कितना असर पड़ेगा
यूडीए से 40 लाख रुपए का घर खरीदने पर 12 प्रतिशत की दर से पिछले साल तक 4.8 लाख रुपए जीएसटी देना पड़ रहा था। लेकिन इस साल घर खरीदने वाले को 18 प्रतिशत की दर से 7.2 लाख रुपए तक टैक्स देना पड़ेगा। यानी 2.4 लाख रुपए तक ज्यादा। प्रदेश में हाउसिंग बोर्ड के चल रहे 50 से ज्यादा प्रोजेक्ट के मकान और दुकान महंगे होंगे, भोपाल और इंदौर,उज्जैन की स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बन रहे मकान भी महंगे होंगे।