उत्तर में अनिल जैन ने तोड़ा पारसजी का रिकॉर्ड

By AV NEWS

उज्जैन उत्तर सीट पर भाजपा के अनिल जैन कालूहेडा ने केवल बडी जीत ही हासिल नहीं की हैं, बल्कि इस सीट पर जीत के आंकड़े का अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता पारस जैन की अधिकत्तम वोट से जीत के रिकॉर्ड को तोडा हैं। पारस जैन 2013 मे 24894 वोट,2018 में 25724 वोट से चुनाव जीते थे। इस बार के चुनाव में अनिल जैन कालूहेडा ने 27513 वोट से जीत हासिल कर पारसजी के रिकॉर्ड को ब्रेक किया हैं।

नोटा, सबसे कम तराना में

नोटा या उपरोक्त में से कोई नहीं (None of the above) एक विकल्प के रूप में अधिकांश चुनावों में भारत के मतदाताओं को प्रदान किया गया है। नोटा के उपयोग के माध्यम से, कोई भी मतदाता चुनाव लडऩे वाले किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देने का विकल्प चुन सकता है।

इस बार के विधानसभा चुनाव में उज्जैन जिले की सात विधानसभा सीट पर 9629 मतदाताओं ने नोटा का उपयोग किया हैं। इसमें सबसे अधिक उज्जैन दक्षिण में 2098 और सबसे कम तराना में 913 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाव। इसके अलावा महिदपुर में 1417,नागदा-खाचरोद में 1126,घट्टिया में 1257,बडऩगर में 1624,उज्जैन उत्तर में 1194 ने नोटा का उपयोग किया।

बड़ी जीत बडऩगर की, छोटी महिदपुर में

उज्जैन जिले की सात सीट में भाजपा ने 5 और कांग्रेस ने 2 सीट पर सफलता प्राप्त की हैं। इसमें सबसे बडी जीत बडनगर में भाजपा के जितेंद्र पंड्या को 36693 वोट और सबसे छोटी जीत महिदपुर में कांग्रेस के दिनेश जैन बोस को 290 वोट से मिली हैं।

बगावत के प्रताप की भेंट चढ़ गई महिदपुर सीट

महिदपुर में कांग्रेस के प्रत्याशी की जीत में भाजपा की बगावत का बडा योगदान रहा हैं। इस सीट पर भाजपा के बहादुर सिंह चौहान पर पार्टी से बगावत कर मैदान में उतरे प्रतापसिंह आर्य भारी पड गए। यहां से कांग्रेस के दिनेश जैन बोस 290 वोट से चुनाव जीते हैं।आंकड़ों पर नजर डालें तो भाजपा के बहादुर सिंह चौहान को 75164,भाजपा के बागी निर्दलीय प्रतापसिंह आर्य को 20662 वोट मिले थे। इन दोनों को मिले वोट की कुल संख्या की 95826 कांग्रेस के दिनेश जैन को प्राप्त वोट 75456 से 20372 अधिक है। वहीं दिनेश जैन ने मात्र 290 वोट से जीत हासिल की हैं। साफ हैं कि भाजपा में बगावत नहीं होती तो महिदपुर के परिणाम कुछ और हो सकते थे।]

घट्टिया से चार विधायक…!

मप्र में उज्जैन जिले की घट्टिया संभवत: ऐसी सीट है जहां से चार विधायक मिले हैं। दरअसल भाजपा से निर्वाचित चार विधायकों का सीधा नाता घट्टिया विधानसभा क्षेत्र से है। सतीश मालवीय जो मूल रूप से घट्टिया के निवासी हैं। तराना से दूसरी बार विधायक बने महेश परमार घट्टिया तहसील के पिपलई (जैथल) के निवासी हैं। उज्जैन उत्तर से पहली बार विधायक चुने गए अनिल जैन कालूहेड़ा का भी घट्टिया से नाता है। वे घट्टिया तहसील के गांव कालूहेड़ा के मूल निवासी है। इसी प्रकार उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र की आलोट विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए पूर्व सांसद चिंतामण मालवीय घट्टिया विधानसभा के ग्राम गुनाई जागीर (पान बिहार) के मूल निवासी है। इस तरह एक ही तहसील से चार विधायक मिले हैं।

जीते पर अंतर कम हुआ

जिले की दो सीट से दो विधायक पुन: चुने गए है,लेकिन इनकी जीत के वोट में अंतर आया है। तराना क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी महेश परमार को 2018 के चुनाव में 67778 वोट मिले थे और वे 2209 वोटों से चुनाव जीते थे। इस बार के चुनाव में परमार को 75819 वोट मिले हैं, लेकिन चुनाव 2183 वोटों से जीते हैं। उज्जैन दक्षिण से भाजपा के मोहन यादव को 2018 में 77127 वोट मिले थे और वे 18632 वोटों से चुनाव जीते थे। 2023 के चुनाव में यादव को 95699 वोट मिले हैं और वे 12941 वोटों से चुनाव जीते हैं।

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