पिछले साल जून में शुरू हुए एक विवाद पर फैसला सुनाते हुए चुनाव आयोग ने शुक्रवार को फैसला किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला शिवसेना गुट असली शिवसेना है, जो पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले समूह का विरोधी है।
इसने कहा कि शिंदे समूह द्वारा पार्टी का नाम और ‘धनुष और तीर’ का प्रतीक बरकरार रखा जाएगा।मुंबई में संवाददाताओं से बात करते हुए ठाकरे ने कहा, ‘उन्होंने (शिंदे गुट ने) हमारे धनुष और तीर के निशान को चुरा लिया है, लेकिन लोग इस चोरी का बदला लेंगे।’ चुनाव आयोग के फैसले को ‘लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक’ बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
शिंदे ने चुनाव आयोग के फैसले की सराहना करते हुए इसे “बालासाहेब और आनंद दिघे की विचारधाराओं, हमारे कार्यकर्ताओं, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और लाखों शिवसैनिकों की जीत बताया। यह लोकतंत्र की जीत है।”
चुनाव आयोग का फैसला ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट को बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए डिप्टी स्पीकर की शक्तियों पर विवाद पर फैसला करना है, जबकि खुद को हटाने का नोटिस दिया गया है।