मामला मामला रेलवे की जमीन पर प्लाट बेचने का, 18 मई को दर्ज हुआ था केस
एफआईआर दर्ज होने के 16 दिन बाद भी फरार कॉलोनाइजर को गिरफ्तार नहीं कर पाई पुलिस
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:वर्ष 2016 में पंचक्रोशी मार्ग स्थित रेलवे की जमीन पर खुशी नगर कालोनी के नाम से तथा इसके बाद अन्य सरकारी जमीन पर सुंदर नगर कालोनी के नाम पर कालोनाइजर अश्विन पिता महेन्द्र कासलीवाल ने कई लोगों को धोखाधड़ी कर प्लाट बेचे थे।
इस मामले में शिकायत के 16 दिन बाद चिमनगंज थाना पुलिस ने गत 18 मई को कालोनाइजर के खिलाफ धोखाधड़ी कर प्लाट बेचने, अश्लील गालियां देकर जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया था। केस दर्ज होने के 16 दिन बाद भी पुलिस आरोपी कालोनाइजर को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
उल्लेखनीय है कि चिमनगंज मंडी थाना पुलिस द्वारा मंगल नगर आगररोड निवासी पराग पिता नर्मदाशंकर चौधरी उम्र 30 वर्ष ने करीब साढ़े तीन माह पूर्व 23 फरवरी को शिकायत दर्ज करायी थी कि उन्होंने कालोनाइजर अश्विन पिता महेन्द्र कासलीवाल से वर्ष 2016 में पंचक्रोशी मार्ग स्थित खुशी नगर कालोनी में 70-70 हजार रुपये में दो प्लाट खरीदे थे। कुछ वर्ष बाद उन्हें पता चला कि खुशी नगर कालोनी अवैध है और रेलवे की जमीन पर काटी गई है।
वह अश्विन कासलीवाल के पास पहुंचे और रुपये वापस मांगे तो अश्विन ने कहा कि वह उन्हें अपनी दूसरी कालोनी सुंदर नगर जो कि कानीपुरा स्थित खाल के समीप है में प्लाट ले लो, लेकिन वहां 25-25 हजार रुपये अधिक लगेंगे। इस पर फरियादी ने उक्त कालोनी में शेष रुपये देकर प्लाट लिये साथ ही एक प्लाट और खरीदा लेकिन बाद में पता चला कि उक्त कालोनी भी अवैध है और यह सरकारी जमीन पर काटी गयी है।
धोखाधड़ी सहित तीन धाराओं में दर्ज है केस
चिमनगंज थाना पुलिस के अनुसार उक्त दोनों प्लाट सरकारी जमीन पर होने की जानकारी के बाद जब फरियादी ने कालोनाइजर महेन्द्र कासलीवाल से रजिस्ट्री का करने का कहा तो उसने इससे भी इंकार कर दिया था। इतना ही नहीं फरियादी को कालोनाइजर द्वारा थाने में शिकायत दर्ज कराने पर धोखाधड़ी के बाद अश्लील गालियां देकर जान से मारने की धमकी दी गयी। इसके चलते आरोपी के खिलाफ पुलिस ने गत 18 मई को भादवि की धारा 420, 294 और 506 में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। तब पुलिस ने दावा किया था कि आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार किया जायेगा।
संभावित स्थानों पर दबिश, सुराग नहीं मिला
उक्त मामले की जांच कर रहे चिमनगंज मंडी थाने के एसआई तथा जांच अधिकारी बबलेश कुमार ने बताया कि आरोपी कालोनाइजर अश्विन कासलीवाल की तलाश में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद उसके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग हाथ नहीं लग सका है। कुल मिलाकर एफआईआर दर्ज होने के 16 दिन बाद भी चिमनगंज मंडी थाना पुलिस आरोपी कालोनाइजर को हिरासत में नहीं ले पाई है और न ही पुख्ता सुराग लगा पा रही है।
चकमा देकर अग्रिम जमानत के प्रयास का अंदेशा..!
मामले में सूत्रों का कहना है कि आरोपी एफआईआर के इतने समय बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लगा है और वह पुलिस को चकमा देकर गिरफ्तारी से बचा हुआ है। संभवत: वह हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत के प्रयास कर रहा है। ऐसे में अगर वह पुलिस की गिरफ्तारी से पहले हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत लेने में सफल होता है तो यह चिमनगंज मंडी थाना पुलिस की बड़ी विफलता रहेगी।
पहले भी पुलिस ने आरोपी को दिया था समय
फरियादी पराग चौधरी ने बताया कि लाखों रुपये देने के बाद भी कालोनाइजर द्वारा जब उन्हेंं प्लाट नहीं दिया गया और ना ही राशि लौटायी जा रही थी तब उन्होंने चिमनगंज थाने में गत 23 फरवरी को शिकायती आवेदन दिया था। पुलिस ने जांच के बाद अश्विन कासलीवाल को थाने बुलाया जहां उसने पांच दिन में मामला निपटाने का आश्वासन पुलिस के सामने दिया और पांच दिन में यह मामला नहीं निपटाने पर केस दर्ज कर लेने के पुलिस को बयान दिये थे।
लेकिन इसके बाद तीन माह से अधिक का समय बीतने के बाद भी जब रुपये नहीं लौटाये तो चिमनगंज मंडी थाना पुलिस ने पिछले माह 18 मई को केस दर्ज कर लिया था।