2016: नागदा-खाचरौद दौरे पर लैंडिंग से पहले अफसरों के उड़ गए थे होश
ऐसा भी हो चुका… मुख्यमंत्री शिवराज के हेलिकॉप्टर की जगह स्टेट प्लेन…
अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के हाल ही नागदा दौरे के दौरान हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी के बाद 2016 में भी उनके हेलिकॉप्टर की लैंडिंग से पहले की विचित्र घटना अफसरों के बीच ताजा हो गई है, जिसने सभी के होश उड़ा दिए थे। जहां प्लेन उतरना था, वहां स्टेट प्लेन भी खड़ा था।
हवाई यात्रा के दौरान सीएम शिवराजसिंह चौहान के साथ वैसे तो कई घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन सबसे ज्यादा रोंगटे खड़े करने वाली घटना नागदा हवाईपट्टी पर 2016 में हुई थी, जो अब अधिकारियों के रिटायरमेंट के बाद खुलकर सामने आई है। सीएम का हेलीकॉप्टर उतरने से कुछ समय पहले जहां अस्थाई हेलीपेड बना था, वहीं स्टेट प्लेन भी खड़ा था। प्लेन के पायलट ने आपत्ति लेकर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से कहा हेलीपेड दूसरी जगह बनाओ, यहां नहीं बना सकते। ताबड़तोड़ दूसरी जगह हेलीपेड बनाना शुरू हुआ।
उसी वक्त पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन ईई आरके जोशी दूसरी जगह हेलीपेड बनता देख नाराज़ हो गए और कहा यहां तो काफी कचरा आदि वस्तुएं हैं। तत्कालीन संभागायुक्त डॉ. रविंद्र पस्तौर, आईजी वी मधुकुमार, कलेक्टर कविंद्र कियावत भी मौजूद थे। सीएम का हेलिकॉप्टर लैंड होने में मुश्किल से 10 मिनट का समय बचा था। इस कारण उसी जगह लैंड करना पड़ा, लेकिन कचरा और प्लास्टिक आदि काफी उडऩे से अधिकारियों के होंश उड़ गए थे। एक रस्सी उड़कर हेलिकॉप्टर के पंख तक पहुंच गई थी। बाद में मामले की जांच तत्कालीन पीडब्ल्यूडी चीफ इंजीनियर आरके सावला ने कर रिपोर्ट सीएम सचिवालय भेजी थी।
तत्कालीन कलेक्टर और ईई में हुई थी तीखी बहस…
ताबड़तोड़ स्टेट प्लेन से दूर हेलीपेड बनाने के मामले को लेकर तत्कालीन कलेक्टर कियावत और ईई जोशी में हुई तीखी बहस भी हुई थी। दरअसल, जोशी ने कहा था नई अचानक नई जगह हेलीपेड बनाना उचित नहीं, क्योंकि वह सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं थी। इस पर कियावत ने तल्ख अंदाज में पूछा था, यहां क्यों नहीं बन सकती। समय की कमी और अधिकारियों के निर्देश पर वहीं हेलीपेड बना लेकिन ईई जोशी ने कहा था कुछ भी हुआ तो मैं जिम्मेदारी नहीं लूंगा। बहरहाल, नागदा में दूसरी बार प्लेन में तकनीकी खराबी आना चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी बीच यह घटना सेवानिवृत्त अधिकारियों के बीच ताजा हो गई है।
हां, घटना की जांच की थी
यह सही है कि 2016 में नागदा में सीएम का हेलिकॉप्टर उतरने से कुछ समय पहले प्लेन आ जाने से विचित्र स्थिति बनी थी, जिसकी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री के तत्कालीन सचिव को प्रस्तुत भी की थी। आरके सांवला, सेवानिवृत्त, मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी
शिवराज का हौसला बरकरार…सीएम की हवाईयात्राओं के दौरान कई खतरनाक स्थितियां बनीं, लेकिन अपने काम के प्रति समर्पित सीएम शिवराजसिंह चौहान का हौसला आज भी बरकरार है।
अगस्त 20 में भारी बारिश और आपदा के सर्वे के दौरान होशंगाबाद की तरफ से निकलते समय बादलों के बीच हेलीकॉप्टर फंस गया था।
जनवरी 2023 को मनावर में रोड शो और सभा के बाद तकनीकी खराबी से शिवराज सिंह चौहान के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी।
मार्च 2023 को भोपाल में महर्षि पतंजलि संस्थान की इमारत का लोकार्पण करने पायलट ने उड़ान भरने से मना कर दिया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पायलट को मना कर लाए लेकिन बादल में विमान ऊपर नीचे हो रहा था।
अक्टूबर 2023 को रैगांव और पृथ्वीपुर जाने के लिए भोपाल से खजुराहो जाते समय झांसी के बबीना में कैंट एरिया में एटीसी से अनुमति न मिलने पर 15 मिनट तक लैंडिंग की अनुमति नहीं मिली थी।
हेलीकॉप्टर भोपाल नहीं मुंबई जाएगा
नागदा में खराब हुआ सीएम का हेलीकॉप्टर सुधार के लिए भोपाल नहीं, मुंबई जाएगा। सड़क मार्ग से मुंबई रवाना करने के लिए हेलीकॉप्टर को विशेषज्ञों की देखरेख में क्रेन से ट्राले पर रखा गया। सीएम शिवराज सिंह का हेलीकॉप्टर अब ट्रक में मुंबई जाएगा।
पांच दिन पहले नागदा आये सीएम के हेलीकॉप्टर के पास बिजली गिरने से तकनीकी खराबी के कारण नागदा हवाई पट्टी पर ही रखा हुआ था। पहले इसे भोपाल ले जाने का निर्णय लिया गया, लेकिन मुम्बई की टीम के निर्देश पर मरम्मत के लिए हेलीकॉप्टर को मुम्बई ले जाने का फैसला हुआ।