उज्जैन। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं एक मार्च से शुरू होने वाली हैं। इस बार माशिमं ने पहली बार ऐसी व्यवस्था की है कि स्कूल ही प्रवेश पत्र डाउनलोड कर विद्यार्थियों को दें। लेकिन इसके लिए स्कूलों को एक शपथ पत्र भरना है।
ऐसे में जिन स्कूलों का शपथ पत्र जमा है, वे डाउनलोड कर प्रवेश पत्र दे रहे हैं, लेकिन प्रदेश में 4500 ऐसे सरकारी व निजी स्कूल हैं, जिन्होंने शपथ पत्र नहीं भरा। अब उन्हें 1025 रुपये जुर्माना बोर्ड को भरना होगा। तभी उनके विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र डाउनलोड होंगे।
इस बार 10वीं व 12वीं परीक्षा के लिए निजी व सरकारी स्कूलों से शपथ पत्र मांगा गया है। मंडल ने स्कूलों को आदेश दिया था कि 20 दिसंबर तक सभी स्कूल शपथ पत्र भरेंगे। इसमें स्कूलों को 10वीं व 12वीं के सभी विद्यार्थियों के आवेदनों में त्रुटियों को सुधार कर मंडल को शपथ पत्र भेजना था। अभी तक 4500 स्कूल शपथ पत्र नहीं भेज पाए।
करीब 46 हजार रुपये जुर्माना
अब मंडल शपथ पत्र नहीं भरने वाले 4500 स्कूलों से एक हजार रुपये जुर्माना राशि और 25 रुपये पोर्टल शुल्क जमा करना होगा। इससे मंडल को करीब 46 हजार रुपये अतिरिक्त आमदनी होगी। मंडल ने इस उद्देश्य से यह प्रक्रिया शुरू की थी, ताकि बाद में त्रुटि के कारण विद्यार्थी परेशान ना हों। हालांकि निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि वे इस शुल्क को विद्यार्थियों से वसूलेंगे।
पहले बोर्ड अपने आंचलिक कार्यालय भेजता था प्रवेश पत्र
अभी तक मंडल दोनों परीक्षाओं के विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र प्रिंट कराकर आंचलिक कार्यालयों को भेजता था। आचंलिक कार्यालय संबंधित स्कूलों तक यह प्रवेश पत्र पहुंचाते और स्कूल विद्यार्थियों को यह प्रवेश पत्र वितरित करते थे। इस बार बोर्ड ने प्रवेश पत्र पोर्टल पर अपलोड कर दिए हैं। स्कूलों के प्राचार्यों को यह प्रवेश पत्र डाउनलोड कर अपने स्कूल की सील और हस्ताक्षर के साथ विद्यार्थियों को देना है।