कतार में बैठकर करना होता है इंजेक्शन का इंतजार
डोज के निर्धारित दिन पर भी नहीं लग पा रहे रैबिज के टीके
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन।जिला अस्पताल में पिछले एक माह से रैबिज के इंजेक्शन की कमी चल रही है। स्टाक खत्म होने के कारण स्टोर विभाग से गिनती के इंजेक्शन लगाने को दिये जा रहे हैं जो एक समय में पूर्ति नहीं कर पाते। लोगों को इसके लिये घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल की ओपीडी में आवारा कुत्तों के काटने पर रैबिज का इंजेक्शन लगाया जाता है। पिछले एक माह से इस इंजेक्शन की कमी चल रही है। आरएमओ डॉ. भोजराज शर्मा का कहना है कि सीएमएचओ कार्यालय सहित स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय भोपाल को भी इससे अवगत करा दिया गया है।
वहीं से स्टॉक प्राप्त नहीं होने के कारण दूसरे अस्पतालों से इंजेक्शन मंगाकर काम चला रहे हैं। इधर जिला अस्पताल में इंजेक्शन लगवाने वालों की स्थिति यह है कि सुबह 9 बजे ओपीडी खुलते ही लाइन लगाकर खडे हो जाते हैं जबकि 10 से 11 बजे के बीच गिनती के इंजेक्शन स्टाफ को मिलते हैं।
डेढ़ से दो घंटे लाइन में लगे लोग अपनी बारी के इंतजार में जहां खड़े हैं वहीं पर बैठ जाते हैं। पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर यह इंजेक्शन लगाये जा रहे हैं। स्टाक में मिले 10 से 20 बायल से नर्सों द्वारा 50 से 100 लोगों को ही इंजेक्शन लग पाते हैं बाकि बचे लोगों को दूसरे दिन आने का कहकर लौटा दिया जाता है।
प्रतिदिन 20 नए लोग, बाकि दूसरे और तीसरे डोज वाले
ओपीडी से मिली जानकारी के मुताबिक आवारा कुत्तों के काटने से रैबिज का इंजेक्शन लगवाने वाले नए मरीजों की संख्या औसतन 20 या इससे अधिक होती है। डॉक्टर्स ने बताया कि कुत्ते के काटने पर रैबिज के कम से कम तीन इंजेक्शन लगाये जाते हैं, एक सप्ताह के अंतराल में लगाये जाने वाले इन्हीं इंजेक्शन का दूसरा या तीसरा डोज लगवाने वालों की संख्या अधिक होती है।