कलेक्टर से टकराव पड़ा भारी, तहसीलदार को हटाया
नाराज कलेक्टर ने सस्पेंड करने का तलब किया था प्रस्ताव, लेकिन किया अटैच
जायसवाल की जगह एसएलआर सिसौदिया को बनाया खाचरौद तहसीलदार
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:प्रशासन ने खाचरौद तहसीलदार रामस्वरूप जायसवाल को हटाकर तत्काल प्रभाव से जिला मुख्यालय में अटैच कर दिया है। अधीक्षक भू अभिलेख (एसएलआर) रमेशसिंह सिसौदिया को खाचरौद तहसीलदार पदस्थ कर दिया है। अंदर की कहानी यह है कि जायसवाल ने कलेक्टर से ही नियमों को लेकर टकराव ले लिया था। नतीजा प्रशासनिक फेरबदल के रूप में सामने आ गया।
जायसवाल को तहसीलदार पद से हटाने का मामला प्रशासनिक गलियारों में चर्चा बना हुआ है। दरअसल, जायसवाल अपने क्षेत्र में पट्टा वितरण करने में रुचि नहीं ले रहे थे। सीएम हेल्पलाइन को लेकर भी कलेक्टर नाराज थे, लेकिन पट्टा वितरण में वे नियम से काम करने पर अड़े हुए थे। इसी टकराव के कारण यह बदलाव चर्चा में है। गुरुवार को प्रशासन ने एक आदेश जारी कर अधीक्षक भू अभिलेख रमेशसिंह सिसौदिया को खाचरौद तहसीलदार पदस्थ कर दिया है। जबकि जायसवाल को अभी जिला मुख्यालय अटैच कर दिया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
इसलिए सस्पेंड करने को कहा था…
क्षेत्र में कुछ पट्टे स्वीकृत न होने पर तहसीलदार जायसवाल ने नियम का हवाला देते हुए मना कर दिया था। कलेक्टर ने कहा था नियमों के अर्थ अपने हिसाब से क्यों लगाते हो। जो सरकार ने कहा है वो कर दो। इसको लेकर बैठक में नाराज कलेक्टर ने तहसीलदार जायसवाल का निलंबन प्रस्ताव अधिकारी से तलब किया था।
मामले में जायसवाल का कहना है कि पट्टा वितरण से पहले पात्रता और अपात्रता का निर्णय होना है। पटवारी द्वारा पात्र लोगों को ग्रामसभा अपात्र कर देती है। अभी ग्रामसभा होना बाकी है। आबादी और चरनोई की जमीन को लेकर भी दिक्कतें आती हैं।