Friday, December 1, 2023
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CM शिवराज सिंह ने की नागदा को ज‍िला बनाने की घोषणा

अक्षरविश्व न्यूज .मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन के नागदा को नया जिला बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि उज्जैन में नर्मदा का पानी भी लाया जाएगा।

इसके अलावा उन्हेल को तहसील बनाया जाएगा। गुरुवार को मुख्यमंत्री उज्जैन के नागदा पहुंचे। यहां उन्होंने रोड शो भी किया।रोड शो के बाद सीएम शिवराज ने मुक्तेश्वर महादेव मंदिर पर सभा को संबोधित किया.

मुख्यमंत्री श्री चौहान यहां पर क्षेत्र के विकास के लिये 261.14 करोड़ के 184 कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया । इसमें 86 कार्यों का जिनकी लागत 168.52 करोड़ रु. है, का भूमि पूजन किया तथा 98 निर्माण कार्य, जिनकी लागत 92.62 करोड़ रु. है, का लोकार्पण किया । मुख्यमंत्री श्री चौहान नागदा शहर में रोड-शो कर आमजन से भी मिलें।

विकास पर्व एवं हितग्राही सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 92.62 करोड़ रुपये के 98 निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया । इनमें स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ सेंटर, सीएचओ क्वाटर की बाउंड्री वाल एवं अन्य कार्य तथा सिविल अस्पताल खाचरौद में 10 बिस्तरीय आईसीयू का लोकार्पण हुआ । इन सभी कार्यों की लागत 3.05 करोड़ है। लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग के द्वारा 28.10 करोड़ रुपये की लागत के दो पुलों का लोकार्पण किया । इनमें एक पुल बिरलाग्राम से भीकमपुर मार्ग होते हुए ग्राम नायन के पास चंबल नदी पर उच्चस्तरीय पुल का निर्माण तथा नागदा-रतलाम रेलखण्ड की 681/20-12 में रेलवे समपार पर समपार क्रमांक 98 पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शामिल है।

168.52 करोड़ रु. के 86 कार्यों का भूमि पूजन

विकास पर्व एवं हितग्राही सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री चौहान नागदा क्षेत्र में 168.52 करोड़ रुपये के 86 कार्यों का भूमि पूजन भी किया । इनमें 83.86 करोड़ रुपये की लागत से 29 ग्रामों में सब-स्टेशन, नवीन 11 केव्ही लाइन, अतिरिक्त ट्रांसफार्मर आदि के कार्य शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग में 16.85 करोड़ रुपये की लागत से खाचरौद के सिविल अस्पताल का निर्माण, पिपल्यामोलू, अमलावदिया, रजला, सुरजाखेड़ी, कंचनखेड़ी, उमरना एवं सिविल अस्पताल खाचरौद में एचडीयू वार्ड का निर्माण शामिल है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास के तहत 24 ग्रामों में 73 लाख रुपये की लागत के सीसी रोड, नाली निर्माण, पानी की टंकी एवं होद निर्माण के कार्य शामिल हैं।

जिन ग्रामों में यह कार्य हो रहे हैं, उनमें बनबना, बोरदिया, खंडवा, बोरखेड़ा पित्रामल, धूमाहेड़ा, फर्नाखेड़ी, घिनौदा, गुराडिय़ा, जलोदिया, लेकोडिय़ाटांक, रतन्याखेड़ी, ऊंचाहेड़ा, बेड़ावन व पानखेड़ी शामिल है। लोक निर्माण सेतु निगम के 11.21 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सुरेल-संडावदा-पिपलौदा मार्ग में चंबल नदी पर उच्चस्तरीय पुल का शिलान्यास किया । लोक निर्माण विभाग द्वारा 31.25 करोड़ रुपये की लागत से नागदा-गीदगढ़-निनावटखेड़ा-चंदोरिया-झिरमिरा-तारोद मुख्य मार्ग जिसकी लम्बाई 25 किलो मीटर है, का भूमिपूजन किया । कृषि उपज मंडी समिति द्वारा विभिन्न 13 विकास कार्येां, जिनकी लागत 6.7 करोड़ रुपये है, का शिलान्यास किया ।

नागदा नगर पालिका में पार्क निर्माण, जलप्रदाय कार्य, स्वच्छता हेतु वेस्ट बायोरिडेमेशन कार्य तथा तालाब के सौंदर्यीकरण के चार कार्य, जिनकी लागत 16.32 करोड़ रुपये है, का लोाकार्पण होगा। इसी तरह खाचरौद नगर पालिका में 1.61 करोड़ रुपये की लागत से सड़क निर्माण, सीसी कार्यों का भूमि पूजन किया ।

भोपाल राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नागदा को जिला बनाते ही बहुत सारे समीकरण भाजपा की झोली में आ जाएंगे। ऐसा होने से जहां नागदा-खाचरौद सीट कांग्रेस के पाले से भाजपा की झोली में आ जाएगी वहीं गुर्जर समाज को भी पार्टी स्तर पर साध लिया जाएगा।

इसका सीधा लाभ शाजापुर में मिलेगा,जहां वर्तमान में गुर्जर समाज से कांग्रेस के विधायक पैर जमाए हुए है। वहीं रतलाम से टूटने के बाद आलोट विधानसभा सीट पर भी भाजपा का पलड़ा भारी हो जाएगा। नागदा जिले में आलोट एवं ताल के मिलने से उज्जैन संसदीय सीट पर आगामी समय में प्रभाव गिरेगा।

आठवां जिला बनेगा नागदा

उज्जैन संभाग में अभी उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर मालवा, रतलाम, मंदसौर एवं नीचम जिले हैं। नागदा जिला बनने के बाद संभाग में कुल 8 जिले हो जाएंगे। इसीप्रकार उज्जैन जिले में उज्जैन शहर, उज्जैन ग्रामीण, कोठी महल, घट्टिया, तराना, महिदपुर, माकड़ोन, झारड़ा, बडऩगर,खाचरौद और नागदा है। इनमें से दो तहसीलें कम हो जाएंगी। वहीं रतलाम में रतलाम शहर,रतलाम ग्रामीण, जावरा, पिपलोदा, सैलाना, रावटी, बाजना, आलोट एवं ताल हैं।

2 टीयर ही रहेगा उज्जैन- अभी उज्जैन शहर 2 टीयर है। नागदा तहसील बड़े उद्योग के कारण अच्छा राजस्व देती है। रोजगार का भी बड़ा स्त्रोत है। इस तहसील के टूटने के बाद उज्जैन जिले में बड़े उद्योग एवं राजस्व की कोई तहसील नहीं रह जाएगी। महाकाल महालोक बनने के बाद उज्जैन में पर्यटन तो बढ़ा है लेकिन अन्य स्थितियों के चलते संभागीय मुख्यालय होने के बावजूद यह जिला 2 टीयर ही रह जाएगा।

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