Monday, December 4, 2023
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कल पुलिस ने पकड़ा, आज फिर तिलक लगाने पहुंच गये

महाकाल मंदिर क्षेत्र में सक्रिय है तिलक लगाने और रक्षासूत्र बांधने वाले कई लोग, डेली अपडाउन करते हैं

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन।  महाकाल मंदिर के आसपास श्रद्धालुओं को जबरन घेरकर तिलक लगाने तथा रक्षा सूत्र बांधने वाले कई लोग सक्रिय हैं। इनमें से ज्यादातर लोग आसपास के क्षेत्रों से डेली अपडाउन कर उज्जैन पहुंचते हैं। एक दिन पहले पुलिस ने इस तरह के दो दर्जन से ज्यादा लोगों को पकड़ा था। लेकिन गुरुवार सुबह फिर वही स्थिति नजर आयी। महाकाल दर्शन करने आ रहे श्रद्धालुओं को रोककर तिलक लगाये जा रहे थे।

उल्लेखनीय है कि महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद से पर्यटकों और श्रद्धालुओं की महाकाल क्षेत्र में कई गुना भीड़ बढ़ गयी है। इससे पहले महाकाल दर्शन के लिये औसतन 8 से 10 हजार लोग प्रतिदिन आते थे। लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़ कर 40 से ५० हजार तक पहुंच गया है। इसी दौरान महाकाल मंदिर क्षेत्र में श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश से पहले या दर्शन करते बाहर आते समय सैकड़ों की संख्या में तिलक लगाने वाले और रक्षा सूत्र बांधने वाले लोग घेर लेते हैं। पहले तो यह जबरन श्रद्धालुओं को तिलक निकाल देते हैं और बाद में पैसों की मांग करते हैं। कई बार जबरदस्ती के कारण यह लोग श्रद्धालुओं के इंकार करने पर विवाद भी करते हैं। इस तरह के लोगों की दिन ब दिन तादाद महाकाल क्षेत्र में बढ़ती जा रही है।

बच्चे भी शामिल…

क्षेत्र भी बंटे हुए

श्रद्धालुओं को तिलक लगाने और रक्षा सूत्र बांधने के इस धंधे में ज्यादातर लोग ऐसे हैं जिन्होंनेे इस काम के लिये लोगों को रख रखा है। कई लोगों ने पन्नी बीनने वाले तथा डेरों में रहने वाले लोगों से उनके बच्चों को दिहाड़ी पर रखकर इस काम में लगा रखा है। अलग-अलग लोगों ने अपने अपने क्षेत्र भी बना रखे हैं जहां सिर्फ इनके लोग ही यह काम करते हैं।

विवाद का वीडियो हुआ था वायरल

पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें तिलक लगाने की बात पर आपस में कुछ युवक भिड़ गये थे और मारपीट कर रहे थे। इसके अलावा भी महाकाल क्षेत्र में कई बार तिलक लगाने वाले आपस में लड़ते भिड़ते देखे गये हैं। इसके पूर्व फूल प्रसादी बेचने वालों को बीच भी विवाद होते रहे हैं और इसमें हुई चाकूबाजी की घटनाओं में कई की जान भी जा चुकी है। तिलक लगाने वालों की तरह फूल प्रसादी बेचने वाले व्यवसायी भी इसी तरह श्रद्धालुओं के पीछे फूल प्रसाद की डलिया लेकर दौड़ लगाते देखे जा सकत हैं। इससे श्रद्धालुओं को असुविधा होती है।

5 से 6 लाख रुपये रोज का धंधा

महाकाल क्षेत्र में दर्शनार्थियों को रोककर जबरन तिलक लगाने और रक्षा सूत्र बांधने वाले कई गुट सक्रिय हैं। इनमें स्थानीय लोगों के अलावा बढ़ी संख्या में बाहर से भी महिला पुरुष तथा बच्चे यह काम करने पहुंचते हैं। इनकी संख्या लगभग 1 हजार से अधिक है। इस कार्य से जुड़े लोगों का कहना है कि वे सुबह से शाम तक तिलक और रक्षा सूत्र बांधकर करीब 500 से 600 रुपये रोज कमाते हैं। पर्वों के दौरान यह कमाई दो गुनी तक हो जाती है। ऐसे में श्रद्धालुओं से इस तरह के लोग प्रतिदिन करीब 5 से 6 लाख रुपये कमा रहे हैं।

70 फीसदी करते हैं अपडाउन

इस तरह के लोगों में लगभग 70 फीसदी ऐसे हैं जो उज्जैन के आसपास के क्षेत्रों तथा ग्रामीण इलाकों से बसों या ट्रेनों में बैठकर रोज सुबह जल्दी आ जाते हैं तथा शाम तक यह काम करने के बाद वापस घर लौट जाते हैं। इस कार्य से जुड़े 600 से 700 लोग डेली अपडाउन कर रहे हैं। इसके अलावा स्थानीय लोग भी इस कार्य में बड़ी संख्या में शामिल हैं।

5 से 6 लाख रुपये रोज का धंधा

महाकाल क्षेत्र में दर्शनार्थियों को रोककर जबरन तिलक लगाने और रक्षा सूत्र बांधने वाले कई गुट सक्रिय हैं। इनमें स्थानीय लोगों के अलावा बढ़ी संख्या में बाहर से भी महिला पुरुष तथा बच्चे यह काम करने पहुंचते हैं। इनकी संख्या लगभग 1 हजार से अधिक है। इस कार्य से जुड़े लोगों का कहना है कि वे सुबह से शाम तक तिलक और रक्षा सूत्र बांधकर करीब 500 से 600 रुपये रोज कमाते हैं। पर्वों के दौरान यह कमाई दो गुनी तक हो जाती है। ऐसे में श्रद्धालुओं से इस तरह के लोग प्रतिदिन करीब 5 से 6 लाख रुपये कमा रहे हैं।

70 फीसदी करते हैं अपडाउन

इस तरह के लोगों में लगभग 70 फीसदी ऐसे हैं जो उज्जैन के आसपास के क्षेत्रों तथा ग्रामीण इलाकों से बसों या ट्रेनों में बैठकर रोज सुबह जल्दी आ जाते हैं तथा शाम तक यह काम करने के बाद वापस घर लौट जाते हैं। इस कार्य से जुड़े 600 से 700 लोग डेली अपडाउन कर रहे हैं। इसके अलावा स्थानीय लोग भी इस कार्य में बड़ी संख्या में शामिल हैं।

एक दिन चला अभियान

महाकाल क्षेत्र में श्रद्धालुओं को जबरन रोककर तिलक लगाने वाले लोगों के खिलाफ बुधवार को पुलिस ने अभियान चलाया। इस दौरान दो दर्जन से अधिक लोगों को पुलिस ने पकड़ा और कोर्ट में भी पेश किया। बावजूद इसके आज सुबह महाकाल क्षेत्र में फिर वही स्थिति नजर आयी। मंदिर के आसपास प्रवेश और निर्गम द्वारों पर हर उम्र के तिलक लगाने वाले महिला और पुरुष बड़ी संख्या में दिखाई दे रहे थे।

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