Monday, December 11, 2023
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कान्ह का गंदा पानी मिल रहा शिप्रा में

कान्ह का गंदा पानी मिल रहा शिप्रा में, प्रदूषण से अधिक चिंता मिट्टी के डेम बचाने की

इंदौर से पानी की आवक अधिक, पूरा पाइप लाइन में डायवर्ट नहीं हो रहा…

मिट्टी का कटाव रोकने के लिए पॉलीथिन शीट्स लगा दी, अक्सर ओवर फ्लो होकर आता है पानी

अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन।कान्ह के पानी से एक बार फिर शिप्रा नदी का पानी प्रद़षित और गंदा हो रहा है। अधिकारियों को शिप्रा का पानी गंदा होने से अधिक चिंता त्रिवेणी पर निर्मित मिट्टी के डेम को बचाने की है। डेम के कटाव को रोकने के लिए पॉलीथिन शीट्स (काली बरसाती) लगाकर पाल के उपर से पानी बहाया जा रहा है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इंदौर से कान्ह में पानी की आवक अधिक होने से पानी डायवर्ट नहीं हो रहा है,इसलिए ऐसा किया गया है।

राघौपीपल्या में निर्मित पक्के स्टॉप डेम और कान्ह डायवर्शन के मेन पाइंट से ओवर फ्लो होकर त्रिवेणी की तरफ आने वाले गंदे पानी को शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए त्रिवेणी के पास मिट्टी का कच्चा स्टॉप डेम बनाया गया। बीते दिनों यह पानी ओवर प्लो होने लगा। इससे मिट्टी की पाल में कटाव होने लगा। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने पानी बहाने का रास्ता बनाया और डेम के कटाव को रोकने के लिए पॉलीथिन शीट्स (काली बरसाती) को लगा दिया गया। इसके बाद कान्ह का गंदा पानी शीट्स के ऊपर से होकर शिप्रा में मिल रहा है।

हर बार बनाते है कच्च डेम

कान्ह डायवर्शन योजना के तहत कान्ह के पानी को मोडऩे के लिए त्रिवेणी से पहले राघौपीपल्या गांव से लेकर कालियादेह पैलेस तक भूमिगत पाइपलाइन बिछाई गई है। वर्षाकाल को छोड़कर इसका संचालन होता है। परंतु अक्सर इंदौर से पानी की अधिक आवक,किसी न किसी कारण पाइपलाइन लीकेज के कारण राघौपीपल्या कान्ह स्टॉप डेम से पानी शिप्रा में मिलता है। इसके निराकरण के लिए कच्चा स्टॉप डेम बनाया गया है। यह टूटने की स्थिति चलते कान्ह का गंदा पानी शिप्रा मिल रहा है।

डेम फूटने की शंका

कान्ह डायवर्शन चालू है,लेकिन इंदौर से पानी की अधिक आवक होने के कारण पानी पूरी तरह डायवर्ट नहीं हो रहा है। मिट्टी का टूटने की स्थिति में मिट्टी तो शिप्रा नदी में जाएगी।

पानी भी अधिक मात्रा जाने से रोकने के लिए धीरे-धीरे छोड़ा जा रहा है। मिट्टी का कटाव भी नहीं हो, इसलिए पॉलीथिन शीट्स लगा दी गई है। कमल कुवाल,कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन विभाग

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