Monday, December 11, 2023
Homeउज्जैन समाचारकार्रवाई, अपराधों का ब्यौरा GST नेटवर्क से होगा जारी

कार्रवाई, अपराधों का ब्यौरा GST नेटवर्क से होगा जारी

पीएमएलए एक्ट-2002 में संशोधन, अधिसूचना जारी

कार्रवाई, अपराधों का ब्यौरा जीएसटी नेटवर्क से होगा जारी

अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:केंरद्र सरकार ने प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट-2002 (पीएमएलए) में संशोधन किया गया है। इसके तहत पीएमएलए में होने वाली कार्रवाई और अपराधों का ब्यौरा जीएसटी नेटवर्क से भी साझा किया जाएगा। संशोधन की अधिसूचना राजपत्र में जारी कर दी गई है।

पीएमएलए के तहत होने वाली कार्रवाई और अपराधों का ब्यौरा अब जीएसटी नेटवर्क से भी जारी किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पीएमएलए एक्ट-2002 में संशोधन कर जीएसटी नेटवर्क शब्द को शामिल कर लिया है। इस संशोधन के बाद ईडी जैसी जांच एजेंसी के लिए मनी लांड्रिंग के मामलों की जानकारी और डाटा जीएसटी नेटवर्क से साझा करना जरुरी हो जाएगी। ऐसे अपराधों में भी विभाग जीएसटी की चोरी ढूंढकर कार्रवाई कर सकेंगे।

कई मामले शामिल होंगे

राजपत्र में प्रकाशन कर पीएमएलए में संशोधन कर दिया है। एक्ट में पूर्व के नोटिफिकेशन में 26 वें नंबर पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क की एंट्री कर दी है। प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट में शासकीय लाभ के पद पर रहे भ्रष्टाचार से धन अर्जित करने व उसे सफेद करने की कोशिश, ड्रग्स या देशद्रोह से धन अर्जित करने, आयात-निर्यात से जुड़े घोटाले जिसमें देश को डॉलर में हानि होती है, इस तरह के मामले शामिल होते हैं।

कई घोटाले जीएसटी विभाग पकड़ चुका है

जीएसटी कानून को लागू हुए छह वर्ष ही हुए हैं। इस बीच देश में हजारों करोड़ के इनपुट टैक्स क्रेडिट के घोटाले केंद्रीय जीएसटी विभाग पकड़ चुका है। अप्रत्यक्ष कर में जीएसटी की बदौलत लगातार वृद्धि हो रही है। अब आर्थिक अपराध और धनशोधन के आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ईडी जैसी एजेंसिया जीएसटी नेटवर्क को सूचना देंगी। केंद्रीय व राज्य के विभाग ऐसे मामलों में जीएसटी चोरी के एंगल से जांच करेंगे। कर चोरी मिलने पर ऐसे अपराधियों पर वे भी कार्रवाई कर टैक्स वसूली कर सकेंगे।

अपराधियों की संपत्ति से वसूली

दरअसल पीएमएलए में आपराधिक प्रकरण और जेल के साथ संपत्ति अटैच करने का प्रावधान है। लिहाजा जीएसटी भी ऐसे अपराधियों की संपत्ति से कर वसूली की जा सकेगी। हालांकि इससे आम कारोबारी और कर पेशेवरों में भी घबराहट है। उन्हें डर है कि अनजाने में किसी बोगस रजिस्टर्ड कारोबारी से व्यापार करने और जीएसटी नेटवर्क से जुडऩे पर वे भी सह आरोपी बनाए जा सकते हैं।

टैक्स चोरी पकडऩे का रास्ता खुलेगा

कर सलाहकार पीके दास के अनुसार 2002 में लाया गया पीएमएलए अवैध स्त्रोतों से कमाए धन को वैध करने की कोशिशों के अपराध पर लागू होता है।

जीएसटी के घोटालों की विभाग अब तक अपने स्तर पर ही पता लगाता और तफ्तीश करता था। अब बड़े आर्थिक अपराधों की सूचना जीएसटी नेटवर्क को मिलेगी। इससे बड़ी मछलियां जीएसटी के जाल में फंसेगी और मोटी टैक्स चोरी पकडऩे का रास्ता खुलेगा।

जरूर पढ़ें

मोस्ट पॉपुलर