किताबें मिलीं या नहीं, मोबाइल एप से होगी ट्रैकिंग
विद्यार्थियों को समय पर पाठ्य पुस्तक देने की नई पहल
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को समय पर पुस्तक उपलब्ध कराने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा हाईटेक तरीका उपयोग में लाया जा रहा है।
इसके तहत सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तके मिलीं या नहीं, इसकी ट्रैकिंग मोबाइल एप से होगी। पुस्तक देने में किस स्तर पर देरी हो रही है, इसकी जानकारी एप पर मिल पाएगी और तुरंत कार्रवाई की जाएगी। सरकारी स्कूल 16 जून से खुल जाएंगे।
विद्यार्थियों को हर साल की तरह नि:शुल्क पाठ्य पुस्तके भी दी जाएंगी। इस बार विद्यार्थियों को समय पर किताबें मिल जाए,इसके लिए उच्च स्तर पर प्रयास प्रारंभ कर दिए गए है। दरअसल, हर स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें नवंबर-दिसंबर तक ही स्कूलों में पहुंच पाती थी।
इस सत्र में स्कूल शिक्षा विभाग ने नई पहल की है। विद्यार्थियों को किताबें मिलीं या नहीं, इसकी मोबाइल एप से ट्रैकिंग की जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन टेक्स्ट बुक वितरण ट्रैकिंग मोबाइल एप तैयार किया है। इससे सत्र 2023-24 की पहली से बारहवीं तक की पाठ्य पुस्तकों की ट्रैकिंग की जाएगी।
सरकार की महत्वपूर्ण योजना
प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण एवं लोक कल्याणकारी योजना है। नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण योजना प्रदेश के समस्त शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत समस्त वर्ग के छात्र-छात्राओं हेतु संचालित है । योजनान्तर्गत समस्त छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं । बच्चों की शिक्षा में किसी भी प्रकार की रुकावट ना हो उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक योजनाओं को वर्ष 2008 में शुरू किया था।
राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशानुसार पाठ्य पुस्तक ट्रैकिंग प्रणाली हो गई है। इसी अनुसार किताबों का वितरण भी किया जाएगा। – संजय शर्मा,बीआरसी उज्जैन।
तीन चरणों में होगी मानीटरिंग
ट्रैकिंग के माध्यम से किताब वितरण की मानीटरिंग राज्य, जिला व विकासखंड स्तर पर होगी। पाठ्य पुस्तक ट्रैकिंग प्रणाली में मप्र पाठ्य पुस्तक निगम के डिपो से जारी पुस्तकों को विकासखंड स्तर पर विकासखंड स्त्रोत समन्वयक (बीआरसी) मोबाइल एप के माध्यम से किताब बंडल के जीओ टैग फोटो के साथ प्राप्ति दर्ज करेंगे। किताबें क्षतिग्रस्त और कम पहुंचती हैं तो 15 दिन के अंदर इनकी जानकारी मोबाइल एप के माध्यम से दर्ज करना होगा।
एप के माध्यम से स्कूल में कक्षा के अनुसार विद्यार्थियों की संख्या दर्ज होगी। बीआरसी की ओर से डिस्पैच आर्डर तैयार किए जाएंगे। विकासखंड स्तर से जैसे ही स्कूल का डिस्पैच आर्डर लाक करेंगे। वैसे ही संबंधित स्कूल के संस्था प्रमुख को मोबाइल एप पर उनके लॉग इन पर दिखाई देने लगेगा। इसके अलावा किताबों को ट्रांसपोर्ट करने के लिए रूट चार्ट किया गया है। मोबाइल एप पर कक्षा अनुसार दर्ज बच्चों के नाम प्रदर्शित होंगे। उसके अनुसार पुस्तकों का वितरण किया जाएगा।