Sunday, December 10, 2023
Homeउज्जैन समाचारकिराना दुकान के इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे में मिली गड़बड़ी

किराना दुकान के इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे में मिली गड़बड़ी

नापतौल विभाग ने मारा छापा, दो दुकानदारों पर लगाया जुर्माना

मुरलीपुरा क्षेत्र की किराना दुकान के इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे में मिली गड़बड़ी

जुर्माना जमा नहीं किया तो कोर्ट पहुंचेगा मामला….

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:मुल्लापुरा क्षेत्र में नापतौल विभाग की टीम बुधवार को औचक निरीक्षण के लिए पहुंची। यहां टीम ने 4 दुकानों पर बांट और तौलकांटे की जांच की। दो दुकानों पर सही माप मिला लेकिन इसी क्षेत्र की अन्य दो दुकानों पर तौल कांटे में गड़बडी़ मिली है।

टीम ने किराना दुकान संचालक के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की और दोनों दुकानदारों पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। यदि निश्चित समयावधि में जुर्माना राशि दुकान संचालक द्वारा जमा नहीं कराई जाती है तो मामला कोर्ट में प्रेषित किया जाएगा। ऐसे मामले में विधिक माप विज्ञान अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कोर्ट 10 हजार रुपए तक जुर्माना या 6 माह तक की सजा भी दे सकती है।

नापतौल निरीक्षक संजय पाटनकर ने बताया कुछ दिनों से मुल्लापुरा क्षेत्र की दुकानों को लेकर शिकायतें मिल रही थी। बुधवार दोपहर विभागीय टीम यहां जांच करने पहुंची तो राधे किराना स्टोर्स और मां कृपा किराना स्टोर्स पर इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे में गड़बड़ मिली। इसके सत्यापन की अवधि भी पूरी हो चुकी थी। तौलकांटों की जांच की गई और सत्यापन के लिए निर्देशित किया है। दोनों दुकान संचालकों पर ढाई-ढाई हजार रुपए जुर्माना लगाया है। मुल्लापुरा क्षेत्र में शिविर भी लगाया गया है जहां दुकानदार स्वयं आकर अपने इलेक्ट्रॉनिक तौलकांटे या सामग्री का वजन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य उपकरणों का सत्यापन करा सकते हैं।

एमआरपी अंकित नहीं मतलब गड़बड़ी है

निरीक्षक पाटनकर ने कहा कि नापतौल विभाग विभिन्न मापदंडों के आधार पर काम करता है। दुकानदार या किसी भी संस्था जो विक्रय का काम करती है उसके द्वारा नापतौल में किसी भी स्तर पर गड़बड़ी करना अपराध की श्रेणी में आता है। जैसे कम तौलना एक बड़ा अपराध है ऐसे मामलों को विभाग जुर्माना वसूली की बजाय न्यायालय के समक्ष रखता है। गर्मी के सीजन में यह शिकायत भी आम हो जाती है कि दुकानदारों द्वारा एमआरपी से ज्यादा शुल्क लिया जाता है। क्योंकि इस सीजन में ठंडे पेय पदार्थों को फ्रीज में रखने का अलग से चार्ज आम ग्राहकों से लेना अपराध की श्रेणी में आता है। इसी तरह पैकेट वाली सामग्री पर वजन और एमआरपी अंकित नहीं होना भी आम लोगों के साथ नापतौल में की गई गड़बड़ी और अपराध है।

3 माह में 32 प्रकरण 77,100 रुपए जुर्माना और 4,14,595 रुपए वसूली की कार्रवाई

जिला नापतौल विभाग ने पिछले तीन महीने में 32 प्रकरण बनाएं हैं जिसमें व्यापारियों, व्यवसायियों या दुकानदारों द्वारा तौल में गड़बड़ होने की शिकायत मिली थी। इन सभी मामलों में नापतौल के विभिन्न मापदंडों के आधार पर 77 हजार 100 रुपए जुर्माना लगाया है। इसके अलावा विभाग ने 4 मामले कोर्ट में भी प्रेषित किए हैं। जिनमें संचालक जुर्माना राशि जमा करने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे।

निरीक्षक पाटनकर ने बताया कि नापतौल के विभिन्न मापदंड होते हैं जिनमें समय सीमा में वजन करने वाले उपकरणों का सत्यापन कराना अनिवार्य होता है। विभागीय क्वार्टर मंथ में की गई कार्रवाई में नए उपकरणों के सत्यापन से 37 हजार 310 रुपए, पुन: सत्यापन से 3 लाख 77 हजार 285 रुपए कुल मिलाकर उपकरणों के सत्यापन शुल्क से 4 लाख 14 हजार 595 रुपए की वसूली की गई है। जबकि 77 हजार 100 रुपए जुर्माना वसूला इस तरह कुल मिलाकर उज्जैन जिला नापतौल विभाग ने 4 लाख 91 हजार 695 रुपए की राजस्व की प्राप्ति की है।

जरूर पढ़ें

मोस्ट पॉपुलर