महापौर टटवाल ने कहा-सभी पक्षों से बात कर समन्वय बनाया जाएगा
अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन केडी गेट से इमली तिराहा चौड़ीकरण में धार्मिक स्थलों को हटाने के मामले समन्वय नहीं बनने से काम प्रभावित हो रहा है। चौड़ीकरण में पोल लगाने से पीछे हटने के बाद नगर निगम प्रशासन को धर्मस्थलों हटाने का काम करना है। महापौर मुकेश टटवाल ने कहा है कि धर्मस्थलों को हटाने से पहले सभी पक्षों से बात कर समन्वय बनाया जाएगा।
रोड चौड़ीकरण के लिए नगर निगम ने मलबा हटाकर रास्ता साफ कर दिया है। इससे लोगों का आवागमन आसानी से हो रहा है। मकानों के पास पोल लगाने का विवाद भी अभी शांत हो गया है।निगम प्रशासन ने तय किया है कि स्ट्रीट लाइट के लिए इलेक्ट्रिक पोल लगाने से पहले पाइपलाइन डाली जाएगी और नाली बनाई जाएगी ताकि लोगों को स्थिति साफ हो सके कि मकानों से कितनी दूरी पर पोल लगेंगे। रोड चौड़ीकरण में अब धार्मिक स्थलों के हिस्सों को हटाने की योजना है। इसके लिए नोटिस हो चुके है। जैन समाज द्वारा श्री पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को हटाने आपत्ति ली गई है।
रोड पर आया भैरव मंदिर
रोड चौड़ीकरण के लिए मकानों को तोडऩे के बाद कुछ मंदिर बीच रोड में आ गए हैं। नयापुरा क्षेत्र में 1925 में बना भैरव मंदिर अब रोड के बीच आ गया है। एक अन्य छोटा मंदिर भी बीच रोड पर होने से चौड़ीकरण कार्य प्रभावित हुआ है। निगम अधिकारियों की माने तो मस्जिदों को भी नोटिस दिए गए हैं।
चबूतरे तो तोड़े जा सकते हैं
महापौर टटवाल ने कहा चौड़ीकरण में सभी को सहयोग करना चाहिए। जिन धर्मस्थलों के चबूतरे चौड़ीकरण की जद में आ रहे हैं, उनको तो हटाया ही जा सकता है। मंदिर की प्रतिमाओं को हटाया नहीं जा रहा है। राधाकृष्ण मंदिर वाले तो स्वयं आगे होकर आए हैं। महापौर ने कहा कि आने वाले दिनों में पर्व और त्योहारों पर श्रद्धालुओं का अधिक आवागमन होगा। इसे देखते हुए चौड़ीकरण कार्य जल्द पूर्ण करने की मंशा है।